शाजापुर : जेल अधीक्षक बनकर 200 पेटी पानी का ऑर्डर दिया, फिर झांसे में लेकर व्यापारी के खाते से उड़ाए 90 हजार
सायबर ठगी का शिकार हुए एव्हरफ्रेश के संचालक
शाजापुर : जेल अधीक्षक बनकर 200 पेटी पानी का ऑर्डर दिया, फिर झांसे में लेकर व्यापारी के खाते से उड़ाए 90 हजार


शाजापुर, 10 दिसंबर (हि.स.)। मध्‍य प्रदेश में साइबर ठगों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि अब वे अधिकारियों के नाम और रूतबे का इस्तेमाल कर व्यापारियों को निशाना बना रहे हैं। शहर के धोबी चौराहा स्थित एक व्यापारी को ठगों ने खुद को जेल अधीक्षक बताकर फोन किया और जेल में कार्यक्रम के लिए मिनरल वॉटर सप्लाई का ऑर्डर दिया। ऑर्डर की आड़ में ठगों ने व्यापारी को बातों में उलझाया और उनके खाते से 90 हजार रुपए उड़ा लिए। पीडि़त ने लालघाटी स्थित साइबर सेल में मामले की शिकायत दर्ज कराई है।

जानकारी के अनुसार धोबी चौराहा स्थित न्यू कोठारी एव्हरफ्रेश के संचालक राजेश कोठारी ने पुलिस को बताया कि सुबह करीब 11 बजे उनके पास एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉलर ने अपनी पहचान शाजापुर जेल अधीक्षक अनिल कुमार के रूप में बताई। उसने कहा कि जेल में एक कार्यक्रम है, जिसके लिए 200 पेटी (100 पेटी आधा लीटर और 100 पेटी एक लीटर) मिनरल वॉटर की तत्काल जरूरत है। सौदे की कुल कीमत 24 हजार रुपए तय हुई।

गलती से ज्यादा पैसे चले गए, बोलकर फंसाया

ठग ने व्यापारी का भरोसा जीतने के लिए कहा कि वह पेमेंट ऑनलाइन ट्रांसफर कर रहा है। कुछ देर बाद उसने व्यापारी से संपर्क किया और दावा किया कि 9 हजार रुपए भेजने थे, लेकिन गलती से 90 हजार रुपए ट्रांसफर हो गए हैं। उसने व्यापारी को एक फर्जी ट्रांजैक्शन मैसेज का हवाला दिया और बाकी रकम तुरंत वापस भेजने का दबाव बनाया।

व्यापारी गेट पर खड़ा रहा, खाते से पैसे कटते रहे

शाम को जब व्यापारी पानी से भरा लोडिंग वाहन लेकर जेल परिसर के पास पहुंचा, तो ठग ने फोन पर कहा कि गेट पर सामग्री की एंट्री के लिए पास बन रहा है, थोड़ा इंतजार करें। इसी दौरान उसने व्यापारी को बातों में उलझाकर बारकोड के जरिए पैसे वापस मांगे। जल्दबाजी में व्यापारी ने 9 हजार, 25 हजार, 30 हजार और 26 हजार रुपए की अलग-अलग किश्तों में कुल 90 हजार रुपए ठग के बताए खाते में ट्रांसफर कर दिए। काफी देर तक जब कोई पास लेकर नहीं आया और ठग का फोन बंद हो गया, तब व्यापारी ने अपना बैंक बैलेंस चेक किया। खाते से पैसे कट चुके थे और उनके पास कोई पैसा आया ही नहीं था। ठगी का अहसास होने पर उन्होंने साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई।

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हिन्दुस्थान समाचार / मंगल नाहर