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नई दिल्ली, 10 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली से सांसद स्वाति मालीवाल ने संसद में बुधवार को पंजाब में हो रहे बड़े पैमाने पर अवैध रेत खनन एवं बिगड़ रही आर्थिक स्थिति का मुद्दा उठाया। राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान स्वाति मालिवाल ने कहा कि पंजाब इस समय लगभग 4 लाख करोड़ रुपये के कर्ज़ के बोझ से दबा है और इसके बावजूद नदियों से खुलेआम अवैध खनन जारी है, जिससे पंजाब की पर्यावरणीय और आर्थिक स्थिति दोनों खतरे में पड़ गई हैं। स्वाति मालीवाल ने कहा कि सतलुज, रावी और ब्यास जैसी नदियां— जो कभी पंजाब की समृद्धि का आधार थीं। आज अवैध खनन की वजह से अंदर तक खोखली होती जा रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रात के अंधेरे में ट्रकों के माध्यम से रेत की खुलेआम चोरी हो रही है, जिसके चलते कई गांवों में कटाव बढ़ रहा है, खेती की ज़मीन कमजोर हो रही है और पुलों एवं सड़कों की नींव को गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
स्वाति मालिवाल ने कहा कि पंजाब की जनता को सस्ती रेत का वादा करने वाले नेताओं ने दावा किया था कि रेत 5.50 रुपये प्रति घन फुट मिलेगी, जबकि आज लोग 35–40 रुपये प्रति घन फुट तक खरिदने को मजबूर हैं। साथ ही खनन से 20,000 करोड़ रुपये राजस्व लाने का वादा कर सरकार मुश्किल से 200 करोड़ रुपये जुटा पाई, जो स्पष्ट रूप से लूट है।
स्वाति मालिवाल ने हाई कोर्ट व एन.जी.टी. का हवाला देते हुए कहा कि जनवरी 2025 में हाई कोर्ट व एन. जी. टी. द्वारा अवैध खनन से नदी में संभावित बाढ़ की चेतावनी के बावजूद, सरकार ने समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की, जिसका परिणाम अगस्त 2025 में सामने आया, पंजाब ने 40 साल की सबसे भयानक बाढ़ देखी। लाखों किसानों और परिवारों की फसलें, घर, पूरी ज़िंदगी पानी में बह गई। यह कोई प्राकर्तिक आपदा नहीं थी, यह मानव निर्मित थी।
उन्होंने दिल्ली के बड़े नेताओं के लिए कहा कि जो नेता पहले खुद को “दिल्ली का बेटा” बताते थे, पंजाब में जाकर “पंजाब दा पुत” बन गए हैं। आज वही नेता दिल्ली को छोड़ कर पंजाब में शीश महल वाली जींदगी जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के कई पूर्व विधायकों ने पंजाब को अपना “रिटायरमेंट प्लान” बना लिया है, जो पंजाब की जनता के साथ सीधा विश्वासघात है। स्वाति मालिवाल ने केंद्र सरकार से मांग की कि पंजाब में अवैध रेत खनन के पूरे मामले की सीबीई, ईडी से जांच कराई जाए, ताकि इस गहरे “नेक्सेस” को तोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि यदि तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो न पंजाब की अर्थव्यवस्था बचेगी, न पर्यावरण और न ही आने वाली पीढ़ियों का भविष्य।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी