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कोरबा/जांजगीर-चांपा 10 दिसम्बर (हि. स.)। जनपद पंचायत नवागढ़ के ग्राम पंचायत मिसदा निवासी सुशीला बाई पूर्व में एक जर्जर कच्चे घर में अपने परिवार सहित कठिन परिस्थितियों के बीच जीवन यापन कर रही थीं। बरसात के दिनों में घर में पानी भर जाना, बच्चों को खुले में रात गुजारने की मजबूरी तथा सुरक्षा और सम्मान का अभाव उनके लिए एक बड़ी चुनौती रहा। किंतु वर्ष 2024-25 में जब उनका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत आवास सूची में दर्ज हुआ तो उनके जीवन में आशा की किरण प्रज्वलित हुई। योजना के अंतर्गत ₹1.20 लाख की स्वीकृत वित्तीय राशि, साथ ही मनरेगा मजदूरी 21,870 रु तथा स्वच्छ भारत मिशन के तहत 12,000 रु शौचालय निर्माण के लिए प्रदान किए गए।
सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक एवं तकनीकी अमले के मार्गदर्शन में निर्माण समय सीमा के भीतर पूर्ण हुआ और सुशीला बाई का सपना एक सुंदर, सुरक्षित और पक्के आवास के रूप में साकार हो गया।
आज सुशीला बाई गर्व से कहती हैं अब हमारे बच्चों को बारिश में भीगना नहीं पड़ता, यह घर हमें सुरक्षा के साथ सम्मान भी देता है। यह परिवर्तन केवल एक हितग्राही तक सीमित नहीं रहा, बल्कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने ग्राम पंचायत मिसदा में रोजगार, स्वच्छता और विकास की नई मंज़िलें भी स्थापित कीं। आवास निर्माण से स्थानीय मिस्त्रियों, मजदूरों और सामग्री विक्रेताओं को काम मिला, शौचालय निर्माण से खुले में शौच की समस्या कम हुई तथा स्वामित्व महिला के नाम पर होने से महिलाओं का सामाजिक सम्मान बढ़ा। डिजिटल भुगतान व ऑनलाइन एप्लिकेशन प्रक्रिया से पारदर्शिता सुनिश्चित हुई और पंचायत का प्रशासनिक स्तर भी सुदृढ़ हुआ।
यह सफलता कहानी स्पष्ट प्रमाण है कि एक पक्का मकान केवल चार दीवारें नहीं, बल्कि विश्वास, सम्मान और सुरक्षित भविष्य का आधार है। सुशीला बाई का नया घर इस बात का सशक्त उदाहरण है कि जब योजनाएँ जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू हों, तो एक परिवार नहीं, पूरा गांव विकास की ओर अग्रसर होता है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) आज ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर, स्वच्छ, उज्ज्वल और समृद्ध भविष्य की दिशा में आगे बढ़ाने का सशक्त माध्यम बन चुकी है।
हिन्दुस्थान समाचार/ हरीश तिवारी
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हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी