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जोधपुर, 10 दिसम्बर (हि.स.)। भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा राज्य में मातृ स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए राजकीय नर्सिंग महाविद्यालय जोधपुर में संचालित स्टेट मिडवाइफरी प्रशिक्षण संस्थान पर जपाइगो व यूएनएफपीए के संयुक्त तत्वावधान मे मंगलवार को एकदिवसीय ओरिएंटेशन-कम- सेंसिटाइजेशन वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नर्सिंग तथा मिडवाइफरी शिक्षा से जुड़े एपीएम प्रतिभागियों को नवीनतम दिशानिर्देशों, राष्ट्रीय कार्यक्रमों, नैदानिक दक्षताओं तथा नर्स-प्रैक्टिशनर मिडवाइफ (एनपीएम) मॉडल के अनुरूप अद्यतन जानकारी प्रदान करना था।
महाविद्यालय के प्रधानाचार्य मुकेश तेतरवाल ने बताया कि वर्कशॉप का उद्घाटन डॉ. बी. एस. जोधा प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक डॉ एस एन मेडिकल कॉलेज जोधपुर व जपाइगो के प्रतिनिधि सुनील कुमार व गुनजोत एवं डॉ विजया, डॉ गिरीश माथुर एवं डॉ हिमांशु व्यास द्वारा किया गया।
उन्होंने इस पहल को गुणवत्ता-सम्पन्न मातृत्व एवं नवजात स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों के साथ बिजाली सिन्हा, मुरली धर शर्मा, सुमि मैथ्यू, अनिता सांखला, मोनिका सोलंकी, गीता ढाका ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए प्रतिभागियों को मार्गदर्शन प्रदान किया।
वर्कशॉप के दौरान एनपीएम प्रतिभागियों को राष्ट्रीय मिडवाइफरी मॉडल एवं आईएनएस/एनपीएमई के मानक, सम्मानजनक मातृत्व देखभाल (आरएमसी), लेबर रूम प्रोटोकॉल एवं एविडेंस-बेस्ड प्रैक्टिस तथा आपात प्रसूति देखभाल, नवजात पुनर्जीवन एवं मातृ-नवजात सुरक्षा एवं संवेदनशीलता, संचार एवं पेशेवर व्यवहार के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
प्रतिभागियों ने वर्कशॉप से प्राप्त ज्ञान को अपने कार्यस्थल पर लागू करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। कार्यक्रम का संचालन सांवला राम द्वारा किया गया तथा अंत दिनेश कुमार सोनगरा द्वारा सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया गया। राजकीय नर्सिंग महाविद्यालय जोधपुर भविष्य में भी इस प्रकार के क्षमता-वर्धन कार्यक्रमों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण नर्सिंग एवं मिडवाइफरी सेवाओं को बढ़ावा देने हेतु निरंतर प्रयासरत रहेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश