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नई दिल्ली, 10 दिसंबर (हि.स.)। उच्चतम न्यायालय ने नोएडा में किसानों को दिये जाने वाले मुआवजे में घोटाले की जांच कर रही एसआईटी को दो महीने का अतिरिक्त समय दिया। चीफ जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने एसआईटी को निर्देश दिया कि पिछले 10-15 सालों में नोएडा प्राधिकरण के सीईओ और अन्य अधिकारियों की भी जांच की जाए।
उच्चतम न्यायालय ने 13 अगस्त को इस मामले की एसआईटी जांच के आदेश दिए थे और कहा था कि शुरुआती जांच में मिलीभगत के गंभीर संकेत मिले हैं। आज सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि एसआईटी की रिपोर्ट 26 अक्टूबर को दाखिल कर दी गई थी। एसआईटी ने आगे की जांच के लिए समय देने की मांग की। तब कोर्ट ने कहा कि मुआवजा घोटाले में लंबे समय से फैसला लेने वाले अफसर भी जांच के दायरे में होंगे।
दरअसल, नोएडा प्राधिकरण के कुछ अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने बिल्डरों के साथ मिलकर किसानों को उनके अधिकार से ज्यादा मुआवजा दिलाया। सुनवाई के दौरान किसानों की ओर से पेश वकील सिद्धार्थ दवे ने कहा कि पहले के दिए गए आदेश में किसानों की सुरक्षा का जिक्र था लेकिन नये आदेश में इसका कोई उल्लेख नहीं है। तब चीफ जस्टिस ने साफ किया कि किसानों को अधिक भुगतान की वजह से उन्हें दंडित नहीं किया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रभात मिश्रा