Enter your Email Address to subscribe to our newsletters

रेलूराम पूनिया के भतीजे से परिवार को जान का खतरा बताकर की रिहाई रोकने की
मांग
हिसार, 10 दिसंबर (हि.स.)। जिले के बरवाला क्षेत्र में लगभग 24 वर्ष पुराने
रेलूराम पूनिया परिवार हत्याकांड में उनकी बेटी सोनिया व दामाद संजीव कुमार की समय
से पहले रिहाई वाली याचिका के खिलाफ उनके परिवार ने महामहिम राष्ट्रपति को पत्र लिखकर
उनकी रिहाई रोकने की मांग की है।
परिवार का कहना है कि यदि ऐसा हुआ तो उनकी जान को
खतरा हो सकता है क्योंकि ये दोनों पहले भी आठ हत्या कर चुके हैं।
हाल ही में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा उनकी समय से पूर्व रिहाई
वाली याचिका मंजूर होने के बाद परिवार ने महामहिम राष्ट्रपति को ये पत्र भेजा है। मृतक
पूर्व विधायक रेलूराम पूनिया के भतीजे जितेंद्र पूनिया ने बुधवार काे लिखे पत्र में कहा है कि रेलूराम
की पुत्री सोनिया व दामाद संजीव को हिसार कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक फांसी की
सजा सुना चुका है।
इसके बाद उनकी सजा को आजीवन कारावास में बदला गया था। इन्होंने पहले
भी हाईकोर्ट में रिहाई की एप्लिकेशन लगाई थी, जब हमने केस लड़ा तो उन्होंने एप्लिकेशन
वापस ले ली थी। इसके बाद अब दोबारा इन्होंने रिहाई के लिए एप्लिकेशन लगाई है तो हाईकोर्ट
ने उसे मंजूर कर लिया।
मामले में मंगलवार को जस्टिस सूर्य प्रताप सिंह की अदालत में
इस मामले में सुनवाई हुई थी। हालांकि अभी इस मामले में अदालत के विस्तृत आदेश का इंतजार
का है।
मामले की पैरवी करने वाले एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने बताया कि अगस्त
2001 में हरियाणा में यह जघन्य हत्याकांड हुआ था। मामले में बरवाला से विधायक रहे रेलूराम
पूनिया सहित 8 लोगों की हत्या की गई थी। इस मामले में उनकी बेटी सोनिया और दामाद संजीव
को मौत की सजा हुई थी। इसके बाद राष्ट्रपति ने भी इनकी एप्लिकेशन डिसमिस कर दी। इसके
बाद 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इनकी सजा को उम्रकैद में बदल दिया था कि क्योंकि राष्ट्रपति
द्वारा मर्जी एप्लिकेशन डिसमिस करने में देरी हुई। वकील ने बताया कि परिजनों ने जान का खतरा बताते हुए पुलिस
अधीक्षक, जिला प्रशासन सहित अन्य जगहों पर एप्लिकेशन दे दी है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर