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तिरुवनंतपुरम, 10 दिसंबर (हि.स.)। केरल के विश्वविद्यालयों में उपकुलपति (वीसी) की नियुक्ति को लेकर राज्यपाल और सरकार के बीच उठे विवाद
का हल बुधवार को भी नहीं सुलझ सका। आज राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर, कानून मंत्री पी. राजीव और उच्च शिक्षा मंत्री आर. बिंदु के बीच हुई बैठक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। राज्यपाल और सरकार अपने-अपने रुख पर अड़े हैं। अब उच्चतम न्यायालय में होने वाली सुनवाई पर सभी की नजरें
टिकी हैं।
विश्वविद्यालयों में उपकुलपति (वीसी) की नियुक्ति को सुलझाने के लिए हुई महत्वपूर्ण बैठक में राज्यपाल अर्लेकर ने कहा कि उनकी ओर से सुझाए गए वीसी के उम्मीदवार योग्य हैं और नियुक्ति के मानकों पर खरे उतरते हैं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन बैठक में शामिल क्यों नहीं हुए और यह स्पष्ट क्यों नहीं किया गया कि सिफारिशों में प्राथमिकता का क्रम कैसे तय किया गया। राज्यपाल ने आरोप लगाया कि मीडिया रिपोर्टों के आधार पर सिज़ा थॉमस को नजरअंदाज किया गया, जिससे उनकी योग्यता की अवहेलना हुई।
टेक्निकल यूनिवर्सिटी और डिजिटल यूनिवर्सिटी में वीसी नियुक्तियों को लेकर उच्चतम न्यायालय पहले ही कड़ा रुख अपना चुका है। उच्चतम न्यायालय ने संकेत दिया है कि यदि मुख्यमंत्री और राज्यपाल अपने मतभेद नहीं सुलझाते, तो वह स्वयं नियुक्तियां कर सकता है। उच्चतम न्यायालय ने जस्टिस सुधांशु धूलिया की अध्यक्षता में दो सर्च कमेटियों का गठन भी किया था, जिन्होंने दोनों विश्वविद्यालयों के लिए उम्मीदवारों की सूची सौंपी थी। मुख्यमंत्री ने इन सूचियों के आधार पर सी. सतीश कुमार का नाम केटीयू के लिए, जबकि साजी गोपीनाथ का नाम डिजिटल यूनिवर्सिटी के लिए सुझाए थे, लेकिन राज्यपाल ने इन नामों को स्वीकार करने से इनकार करते हुए सिज़ा थॉमस को केटीयू और डॉ. प्रिया चंद्रन को डिजिटल यूनिवर्सिटी के वीसी के रूप में नियुक्त करने की मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय में नया हलफनामा दाखिल किया है।
पिछली सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय की जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस पीबी वराले की बेंच ने इस विवाद को न सुलझाने पर नाराजगी जाहिर की थी और कहा कि सहमति न बनने पर अदालत नियुक्ति का निर्णय खुद लेगी। मामले की अगली सुनवाई अब कल गुरुवार को होनी है। अब उच्चतम न्यायालय की सुनवाई और फैसल पर सभी की नजर टिकी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / उदय कुमार सिंह