Enter your Email Address to subscribe to our newsletters

धनबाद, 10 दिसंबर (हि.स.)। केंदुआडीह में जहरीली गैस रिसाव का संकट गंभीर होता जा रहा है। लगातार जांच टीम प्रभावित क्षेत्र में निकल रहे जहरीले गैस का मोनिटरिंग कर रही है। एक्सपर्ट की माने तो कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा 50 पीपीए से कम होनी चाहिए, इससे ज्यादा होने पर यह जानलेवा हो सकता है, लेकिन उक्त क्षेत्र में इसकी मात्रा 2000 पीपीए है।
बुधवार को कोल इंडिया के अध्यक्ष सनोज कुमार झा प्रभावित इलाके का निरीक्षण करने पहुंचे। तकनीकी टीमों से रिपोर्ट लेने के बाद उन्होंने स्थिति को अत्यंत गंभीर बताते हुए कहा कि मौजूदा हालात अपने आप सुधरने वाला नहीं है। ऐसे में लोगों की जान बचाने के लिए अस्थायी रूप से सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरण फिलहाल एकमात्र विकल्प है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह स्थायी विस्थापन का मामला नहीं है, बल्कि जानलेवा खतरे से बचने के लिए अस्थायी कदम है। अध्यक्ष झा ने बताया कि कई स्थानों पर कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा खतरनाक स्तर से ऊपर पाई गई है। प्रभावित परिवारों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की गई है और बीसीसीएल द्वारा अस्थायी राहत केंद्रों में भोजन, रहने और चिकित्सा की पूरी व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है। तकनीकी समाधान और गैस निकासी का कार्य जारी है, हालांकि प्रक्रिया में समय लग सकता है।
कोल इंडिया के तकनीकी निदेशक अच्युत घटक ने चेताया कि गैस रिसाव की समस्या समय के साथ और गंभीर हो सकती है। समाधान में कितना समय लगेगा, यह कहना मुश्किल है। 10 दिन, 15 दिन या डेढ़ महीना। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे स्थिति की गंभीरता को समझते हुए स्वेच्छा से सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हों।
वहीं, बीसीसीएल के सीएमडी मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय तकनीकी जांच जारी है। देश की विशेषज्ञ एजेंसियां जमीनी स्तर पर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सर्वोच्च प्राथमिकता केवल और केवल लोगों की सुरक्षा है। स्थायी विस्थापन या पुनर्वास जैसे मुद्दों पर बाद में अलग से चर्चा होगी।
कुल मिलाकर अधिकारियों ने एक स्वर में कहा कि गैस की मात्रा जानलेवा स्तर पर पहुंच चुकी है, इसलिए किसी भी तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार झा