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नैनीताल, 10 दिसंबर (हि.स.)। नगर में हाल ही में हो रही अग्निकांड की घटनाओं को गम्भीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने अग्नि सुरक्षा व्यवस्थाओं की समग्र समीक्षा के लिये तीन अधिकारियों की संयुक्त टीम गठित की है। टीम को नगर क्षेत्र में स्थापित फायर हाईड्रेंट का स्थलीय निरीक्षण कर सात दिन के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं।
जिलाधिकारी ने आदेश में कहा कि नैनीताल एक ब्रिटिशकालीन पर्वतीय बस्ती है, जहां अधिकांश पुरानी इमारतें काष्ठ-आधारित संरचना पर निर्मित हैं, जो आग लगने की स्थिति में उच्च जोखिम वाली मानी जाती हैं। उन्होंने कहा कि हाल में घटी घटनाओं को देखते हुए नगर क्षेत्र में उपलब्ध अग्नि सुरक्षा व्यवस्था, विशेषकर फायर हाईड्रेंट की कार्यशीलता और दमकल वाहनों की पहुंच क्षमता का परीक्षण अनिवार्य है।
गठित समिति में परगना अविकारी नैनीताल, अधिशासी अभियंता उत्तराखंड जल संस्थान नैनीताल और अग्निशमन अधिकारी फायर स्टेशन नैनीताल को शामिल किया गया है। समिति को निर्देश दिये गये हैं कि नगर क्षेत्र में लगाये गये समस्त फायर हाईड्रेंट का निरीक्षण कर क्रियाशील और अक्रियाशील हाईड्रेंट का पृथक-पृथक विवरण प्रस्तुत किया जाये।
समिति प्रत्येक हाईड्रेंट तक दमकल वाहनों की वास्तविक पहुंच क्षमता का परीक्षण करेगी तथा मरम्मत, प्रतिस्थापन अथवा अतिरिक्त हाईड्रेंट स्थापना संबंधी तकनीकी व प्रशासनिक अनुशंसाएँ भी प्रतिवेदन में शामिल करेगी। साथ ही हाईड्रेंट में पानी की सीधी आपूर्ति की व्यावहारिक संभावनाओं पर भी रिपोर्ट प्रस्तुत की जायेगी।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार शाम नगर में हुए एक अग्निकांड में सरस्वती शिशु मंदिर और इसके पास स्थित दीना लॉज में आग लग गयी थी। इस अग्नि दुर्घटना में दोनों भवन खाक हो गये हैं, लेकिन किसी तरह की कोई जनहानि नहीं हुई है। इस दौरान हाईड्रेंट में पानी की कमी जैसी समस्याएं सामने आयी थीं।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी