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चरमराने लगी स्वास्थ्य सेवाएं, मरीजों की संख्या होने लगी कम
हिसार, 10 दिसंबर (हि.स.)। हरियाणा सरकार द्वारा डाक्टरों की हड़ताल पर एस्मा
लगाने के बावजूद हड़ताली डाक्टरों पर इसका असर नहीं हो रहा है। डाक्टरों ने अपनी हड़ताल
को अनिश्चितकालीन घोषित करके सरकार की कार्रवाई पर रोष जताया है। उधर, लगातार चल रही
हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं चरमराने लगी है और नागरिक अस्पताल में आए दिन के मुकाबले
मरीजों की संख्या भी घटने लगी है।
लगातार चल रही हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने लगी है। हालांकि सरकार
एवं प्रशासन इधर उधर से चिकित्सक बुलाकर सेवाएं पटरी पर लाने का दावा कर रहे हैं लेकिन
ये प्रयास खरे नहीं उतर रहे हैं। सरकार ने जहां मंगलवार को एस्मा लगाकर हड़ताल को गलत
बताया वहीं हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन (एचसीएमएसए) ने बुधवार से हड़ताल
को अनिश्चिकालीन घोषित कर दिया है। इससे मरीजों की परेशानी और बढ़ गई है। एक्स-रे से
लेकर सिजेरियन तक और एक ही डॉक्टर से इलाज करवा रहे मरीजों को दिक्कत हो रही है। जिले
के नागरिक अस्पताल प्रशासन ने प्रोबेशन पीरियड पर चल रहे 25 डॉक्टरों को शोकॉज नोटिस
भेजा है, मगर अभी तक एक भी डॉक्टर वापस नहीं आया है। अग्रोहा मेडिकल कॉलेज से 20 डॉक्टरों
को बुलाया है, मगर 128 डॉक्टरों के छुट्टी पर जाने से हालात बिगड़ रहे हैं। अग्रोहा
मेडिकल कॉलेज से हिसार के अलावा सिरसा और फतेहाबाद भी डॉक्टर भेजे गए हैं।
सरकारी डॉक्टरों की दो दिन की हड़ताल के बावजूद प्रदेश सरकार सभी मांगें मानने
को तैयार नहीं हुई है। सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए डॉक्टरों की हड़ताल पर 6 महीने
के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इसके लिए आवश्यक सेवाएं अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) का
सहारा लिया गया है।
डाक्टरों की हड़ताल का कारण
हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन का कहना है कि राज्य सरकार से कई दौर
की वार्ता के बाद भी मांगों पर सहमति नहीं बन पाई है। एसोसिएशन को अधिकारियों के भरोसे
पर यकीन नहीं है। राज्य के डॉक्टर वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों (एसएमओ) की सीधी भर्ती
रोकने की मांग कर रहे हैं। पूर्व में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज इसकी मंजूरी
दे चुके थे, लेकिन मौजूदा व्यवस्था में इसे लागू नहीं किया जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर