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नई दिल्ली, 10 दिसंबर (हि.स.)। केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि काशी तमिल संगमम् 4.0 इस वर्ष अत्यंत भव्यता और उत्साह के साथ आयोजित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम उत्तर और दक्षिण भारत के मध्य मौजूद हजारों वर्षों पुराने सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ज्ञान-परंपरा के संबंधों को पुनर्स्थापित करने का एक अद्भुत प्रयास है।
इस वर्ष संगमम् की थीम—भारत को भारत से सीखना चाहिए है, जो गहरा और महत्वपूर्ण संदेश देती है। भारत की मूल शक्ति उसकी विविधता, उसके प्राचीन ज्ञान, उसकी भाषाओं, उसके साहित्य और उसकी सांस्कृतिक विरासत में निहित है। यदि भारत को अपनी प्रगति के अगले चरण तक पहुंचना है, तो उसे अपने भीतर मौजूद इस विशाल धरोहर को पहचानकर उससे सीखना होगा।
बुधवार को पत्रकारों के साथ बातचीत में अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को साकार करता कार्यक्रम
इस बात पर ज़ोर दिया है कि भारत की शक्ति उसकी एकता में विविधता है।
काशी तमिल संगमम् उसी दृष्टि—‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’—को सजीव करने वाला महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यक्रम बन चुका है।
यह आयोजन दिखाता है कि भाषा, भूगोल, रीति-रिवाज या खानपान अलग हो सकते हैं, लेकिन भारतीय आत्मा एक है। हमारा अतीत, हमारी आध्यात्मिकता और हमारी सांस्कृतिक धारा हमें एक सूत्र में पिरोती है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष काशी तमिल संगमम् में लगभग 1,400 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इसमें छात्र, शिक्षक एवं विद्वान, लेखक एवं कलाकार,महिला उद्यमी, किसान शामिल है। यह आयोजन केवल सांस्कृतिक आदान-प्रदान नहीं, बल्कि जनभागीदारी का राष्ट्रीय उत्सव बन चुका है। उन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम् 4.0 यह संदेश देता है कि भारत की सांस्कृतिक एकता केवल इतिहास का विषय नहीं है, बल्कि आज के भारत और भविष्य के भारत की आवश्यकता भी है।
यह कार्यक्रम उत्तर और दक्षिण के बीच संबंधों को और मजबूत करता है, नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ता है और एक ऐसे राष्ट्र की परिकल्पना को आगे बढ़ाता है, जो अपनी विरासत से प्रेरणा लेकर भविष्य का निर्माण करता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी