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पलवल, 3 नवंबर (हि.स.)। सनातन संस्कृति, एकता और सद्भाव का संदेश देने के लिए दिल्ली से मथुरा तक निकाली जा रही सनातन एकता पदयात्रा 10 नवंबर को पलवल जिले की सीमा में प्रवेश करेगी। यह यात्रा श्री बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन तक जाएगी और सात नवंबर को दिल्ली के छतरपुर मंदिर से शुरू होगी। पदयात्रा के सुचारु प्रबंधन के लिए जिला प्रशासन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
उपायुक्त डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने सोमवार को होडल के विधायक हरिंदर सिंह की अध्यक्षता में अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में पदयात्रा से जुड़े प्रबंधों, रात्रि ठहराव, स्वच्छता, यातायात और सुरक्षा को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। विधायक ने कहा कि यह यात्रा सामाजिक एकता और सद्भाव का प्रतीक है, इसलिए जिले में इसे उत्सव की भावना से देखा जाना चाहिए। उन्होंने मार्गों की सफाई और मरम्मत कार्य जल्द पूरा करने के निर्देश दिए।
पदयात्रा 9 नवंबर को सीकरी में रात्रि विश्राम के बाद 10 नवंबर को पलवल जिले में प्रवेश करेगी। 10 नवंबर को पलवल शहर में, 11 नवंबर को मितरौल में और 12 नवंबर को होडल स्थित अनाज मंडी में इसका रात्री विश्राम रहेगा। इसके बाद पदयात्रा 12 नवंबर को उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में प्रवेश करेगी।
डीसी डॉ. हरीश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि यात्रा के दौरान धार्मिक माहौल को ध्यान में रखते हुए यात्रा मार्ग और ठहराव स्थलों के आसपास की मीट और मदिरा की दुकानें पूरी तरह बंद रहेंगी। उन्होंने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को सख्ती से अनुपालन कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अस्थाई शौचालय, स्वच्छ पेयजल, जलपान और चिकित्सा व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / गुरुदत्त गर्ग