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- भारत को 2036 तक दुनिया के शीर्ष खेल राष्ट्रों में से एक बनाना लक्ष्य : मांडविया
नई दिल्ली, 03 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय युवा मामले एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने सोमवार को भारतीय हॉकी के 100 वर्ष (1925-2025) पूरे होने के उपलक्ष्य में भव्य समारोह के आयोजन की घोषणा की। हॉकी इंडिया के सहयोग से आयोजित होने वाला यह शताब्दी समारोह 7 नवंबर को नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा, जिसके समानांतर देश के 550 से अधिक जिलों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके अंतर्गत इन जिलों में एक साथ 1,400 से अधिक हॉकी मैच खेले जाएंगे, जिनमें जमीनी स्तर पर 36,000 से अधिक खिलाड़ी भाग लेंगे।
सोमवार को यहां मेजर ध्यान चऺद नेशनल स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय खेल मंत्री मांडविया ने कहा कि भारत हॉकी के 100 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहा है। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक आयोजन भारत की समृद्ध हॉकी विरासत के एक शताब्दी वर्ष पूरे होने की याद दिलाएगा और उन दिग्गजों को सम्मानित करेगा जिन्होंने देश को गौरव दिलाया है। साथ ही यह खेल की उस स्थायी भावना का जश्न मनाएगा जो लाखों लोगों को प्रेरित करती रहती है। नई दिल्ली में समारोह सुबह 8:30 बजे शुरू होगा, जिसमें भारतीय हॉकी की गौरवशाली यात्रा के सार को दर्शाने वाले कई विशेष कार्यक्रम होंगे।
मांडविया ने कहा कि हम गौरव, दृढ़ता और राष्ट्रीय गौरव की एक शताब्दी का सम्मान करते हैं। यह मील का पत्थर हमारे उन नायकों को याद करने का अवसर है, जिन्होंने देश को सम्मान दिलाया और आगे बढ़ते हुए उनकी यात्रा से प्रेरणा लेने का अवसर है। हॉकी भारत के लिए केवल एक खेल से कहीं अधिक है। यह हमारी पहचान और सामूहिक भावना का हिस्सा है। 550 से अधिक जिलों में आयोजित होने वाले ये समारोह न केवल हमारी विरासत को उजागर करेंगे, बल्कि भारतीय हॉकी की कहानी को देश के कोने-कोने तक पहुंचाएंगे, जिससे युवा लड़के और लड़कियों को हॉकी स्टिक उठाकर जुनून के साथ खेलने की प्रेरणा मिलेगी।
खेल मंत्री ने आगे कहा कि सरकार अधिक निवेश, आधुनिक बुनियादी ढांचे और संस्थागत सुधारों के माध्यम से भारत के खेल पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट है। हमें 2036 तक भारत को दुनिया के शीर्ष खेल राष्ट्रों में से एक बनाना और हर खेल में लगातार उच्चतम स्तर पर प्रदर्शन करना है।
इस अवसर पर हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ. दिलीप टिर्की ने कहा कि भारतीय हॉकी के 100 साल पूरे होने का जश्न हम सभी के लिए बेहद भावुक और गौरवान्वित करने वाला क्षण है। यह मील का पत्थर हमारे गौरवशाली अतीत का सम्मान करता है और साथ ही नई पीढ़ी को इस विरासत को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करता है। इस शताब्दी समारोह के अवसर पर, हमारा ध्यान खेल को जमीनी स्तर से मजबूत करने, पुरुषों और महिलाओं दोनों को समान रूप से सशक्त बनाने और अपनी टीमों को एक बार फिर विश्व हॉकी के शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार करने पर है। हम सब मिलकर अगली सदी को और भी सुनहरा बनाएंगे।
हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने कहा कि मुझे यह देखकर बहुत गर्व हो रहा है कि हॉकी इंडिया कैसे एक पारदर्शी, जवाबदेह और दूरदर्शी संगठन के रूप में विकसित हुआ है। हमारा ध्यान परफॉर्मेंस-बेस्ड फंडिंग एंड ग्रासरूट्स डेवलपमेंट से लेकर पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए पेशेवर लीग के सफल शुभारंभ तक, प्रणालियों को मजबूत करने पर रहा है। उन्होंने कहा कि यह शताब्दी वर्ष केवल इतिहास का उत्सव नहीं है, बल्कि भारतीय हॉकी के एक मजबूत भविष्य के निर्माण के लिए हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि है।
खेल मंत्री की टीम इलेवन और हॉकी इंडिया की मिक्स्ड टीम इलेवन (पुरुष और महिला) के बीच 30 मिनट का एक प्रदर्शनी मैच भी होगा। इसमें पुरुष और महिला दोनों राष्ट्रीय टीमों के शीर्ष खिलाड़ी भाग लेंगे। इसके बाद, विभिन्न पीढ़ियों के हॉकी दिग्गजों को सम्मानित किया जाएगा और भारत को आठ ओलंपिक स्वर्ण पदक और 13 ओलंपिक पोडियम फिनिश के साथ दुनिया के सबसे सफल हॉकी राष्ट्र के रूप में स्थापित करने में उनके योगदान को मान्यता दी जाएगी।
इस शताब्दी वर्ष में आधिकारिक स्मारक खंड, भारतीय हॉकी के 100 वर्ष का भी विमोचन होगा, जिसमें खेल की उल्लेखनीय यात्रा-उसकी विजय, चुनौतियां और पुनरुत्थान पर प्रकाश डाला गया है।
इसके अलावा मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में एक विशाल फोटो प्रदर्शनी दर्शकों को 100 गौरवशाली वर्षों की एक विजुअल जर्नी पर ले जाएगी, जिसमें 1928 के एम्स्टर्डम खेलों से लेकर वर्तमान पुनरुत्थान तक की दुर्लभ अभिलेखीय तस्वीरें, यादगार चीज़ें और ओलंपिक क्षण प्रदर्शित किए जाएंगे।
इस अवसर को जमीनी स्तर पर सफल बनाने के लिए, देश भर के 550 जिलों में एक साथ 1,400 से ज्यादा हॉकी मैच खेले जाएंगे, जिनमें 36,000 से ज़्यादा खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। प्रत्येक जिले में एक पुरुष और एक महिला मैच होगा, जो समानता और समावेशिता का प्रतीक है।
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हिन्दुस्थान समाचार / वीरेन्द्र सिंह