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रायगढ़, 3 नवंबर (हि.स.)। जिंदल पैंथर सीमेंट फैक्ट्री के बाहर सोमवार को वार्ड नंबर 43 गोरखा के पार्षद के नेतृत्व में वार्ड वासियों ने जिंदल प्रबंधन के वादाखिलाफी के विरोध में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन जिंदल समूह द्वारा गोद लिए गए गांवों में रुके हुए विकास कार्यों और स्थानीय समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर था। पार्षद का कहना है कि गोद लेने के बाद भी इन गांवों की लगातार अनदेखी की जा रही है।
जिंदल समूह के द्वारा गोद लिए गए गांवों सरायपाली, बरमूड़ा और कोसमपाली के लोगों ने आज सोमवार को गांव की बदहाल स्थिति को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया। दरअसल, बरमुड़ा में जिंदल पैंथर सीमेंट फैक्टी का विस्तार किया जा रहा है और उसमें ग्रामीणों की जमीन ली गई है। यह जमीन ग्रामीणों ने कंपनी को शर्तों के आधार पर दिया था, मगर अब जिंदल प्रबंधन उससे मुकर रहा है। अब तक गांव में गंगा सागर तालाब का सौंदर्यीकरण, बंगला डिपा क्षेत्र में पानी की टंकी, गोरखा वार्ड में नए ट्यूबल की स्थापना और बरमूड़ा में प्रवेश द्वार का निर्माण जैसी कई महत्वपूर्ण मांगो के पूरा नहीं हो पाने के कारण लोग खासे नाराज हैं। वार्ड वासियों का यह आरोप है कि जिंदल द्वारा गोद ग्राम की प्राथमिक जरूरतों की ही अनदेखा किया जा रहा है, जो निराशाजनक है। ऐसे में भड़के ग्रामीणों ने जिंदल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। हालांकि ग्रामीणों के प्रदर्शन की सूचना मिलते ही जिंदल कंपनी के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गये और प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के बाद आठ मांगों में से पांच मांगों पर तत्काल सहमति दे दी है और नवंबर महीने तक काम पूरा करने का लिखित आश्वासन दिया। इसके बाद ही कहीं जाकर ग्रामीण शांत हुए।
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हिन्दुस्थान समाचार / रघुवीर प्रधान