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प्रयागराज, 3 नवंबर (हि.स.)। इस धरा धाम पर जब-जब असुरों के अत्याचार बढ़ते हैं तब-तब प्रभु अवतार लेकर भक्तों को उनके संताप से मुक्त करते हैं। यह बातें नौ दिवसीय श्री रामकथा के दूसरे दिन सोमवार को कथा मर्मज्ञ आचार्य शांतनु महाराज ने कही। वे सलोरी काटजू बाग कालोनी स्थित दुर्गा पूजा पार्क में भईया जी का दाल भात परिवार और श्री सुमंगलम सेवा न्यास की ओर से आयाेजित सेवा कार्यों के सहयोगार्थ कथा कर रहे थे।
शांतनु महाराज ने कहा कि भगवान की सगुण लीलाओं को भक्ति और विश्वास से सुनना चाहिए। इसमें तर्क का कोई स्थान नहीं है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव की कथा के क्रम में आचार्य शांतनु महाराज ने प्रभु के जन्म के अनेक कारणों को सुनाया। उन्होंने कहा कि भगवान की यह घोषणा है कि जो भी भक्त सब कुछ त्याग कर उनका भजन करते हैं, प्रभु उनकी रक्षा उसी प्रकार करते हैं, जैसे मां अपने बच्चे की रक्षा करती हैं।
मनु एवं शतरूपा के प्रसंग को सुनाते हुए शांतनु महाराज ने कहा कि मनु महाराज ने जीवन के अंतिम समय में सब कुछ त्याग कर हरि भजन का मार्ग चुना। हम सब का भी यही दायित्व है कि अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करते हुए भगवान के भजन में मन लगाएं। देवताओं की करुण पुकार को सुनकर भगवान ने सभी को आश्वासन दिया कि मैं अब नर रूप में धरती पर अवतरित होने वाला हूं। सभी देवता प्रभु की जय जयकार करने लगे। गोस्वामीजी ने अयोध्या की महिमा को गाया है। सम्पूर्ण अयोध्यावासी भगवान की आराधना कर रहे हैं और गोस्वामीजी ने भगवान के जन्म की तिथि घोषित कर दी। पूरे अयोध्या में बधाइयां बजने लगीं, राजा दशरथ मगन होकर प्रजा जनों को न्योछावर करने लगे और पूरा वातावरण राममय हो गया।
कथा के दौरान भाजपा महानगर अध्यक्ष संजय गुप्ता, अधिवक्ता परिषद के पूर्व महामंत्री शीतल, भाजपा नेता अरुणेंद्र सिंह अन्नू भईया, सुजीत सिंह, भाजपा महामंत्री वरुण केसरवानी रवि, सत्य विजय, राजू शुक्ला, कंचन शुक्ला, संजय श्रीवास्तव, कुलदीप सिंह आदि उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र