झारखंड में 'मोथा' का खत्म हुआ असर, कोहरे के चादर में लिपटा रामगढ़ शहर
रामगढ़, 3 नवंबर (हि.स.)। चक्रवर्ती तूफान ''मोंथा'' का असर खत्म होते ही झारखंड के तमाम जिलों में ठंड ने दस्तक दे दी है। सोमवार को रामगढ़ के लोगों की जब नींद खुली, तो पूरा शहर कोहरे के चादर में लिपटा हुआ नजर आया। रामगढ़ से होकर गुजरने वाले राष्ट्र
सड़क पर कोहरे की चादर


कोहरे से ढंका खेत


कोहरे की वजह से पसरा सन्नाटा


रामगढ़, 3 नवंबर (हि.स.)। चक्रवर्ती तूफान 'मोंथा' का असर खत्म होते ही झारखंड के तमाम जिलों में ठंड ने दस्तक दे दी है। सोमवार को रामगढ़ के लोगों की जब नींद खुली, तो पूरा शहर कोहरे के चादर में लिपटा हुआ नजर आया।

रामगढ़ से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग से लेकर शहर की गालियों तक में घने कोहरे ने लोगों को चौक दिया। ऐसा कोहरा पिछले कई वर्षों में लोगों ने नहीं देखा था। दृश्यता (विजिबिलिट) इतनी कम थी की चालकों को गाड़ी चलाने में भारी परेशानी हो रही थी। राष्ट्रीय राजमार्ग पर तो भारी वाहन किनारे खड़े होकर कोहरा छंटने का इंतजार करते नजर आए। स्कूल जाने वाली गाड़ियों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। हर चौक-चौराहे पर गर्म कपड़े पहने स्कूली छात्र गाड़ियों का इंतजार करते नजर आए।

ला नीना का दिखने लगा है असर

मौसम वैज्ञानिक शशिकांत चौबे के अनुसार इस बार सर्दी लोगों को काफी सताने वाली है। हिमालय पर जमीं बर्फ ने कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। ऐसे में ला नीना का असर भी जोरदार रहेगा। बीते कई वर्षों से कहीं अधिक इस बार पहाड़ी और मैदानी इलाके में सर्दी का प्रकोप रहेगा। इस बार उम्मीद की जा रही है की सर्दी का मौसम लगभग चार महीने तक रह सकता है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश