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स्वास्थ्य विभाग की कार्यशाला में डॉक्टरों, अधीक्षकों, विशेषज्ञों ने साझा किए अनुभव
लखीमपुर खीरी, 3 नवंबर (हि.स.)। तनाव, चिंता और अवसाद के दौर में “मन” को भी चाहिए देखभाल इसी संदेश के साथ साेमवार काे जिले में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयोजित संवेदीकरण कार्यशाला में संवेदना और सजगता का संगम देखने को मिला। कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल ने सीएमओ डॉ. संतोष गुप्ता के साथ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन कर किया। इस दाैरान आईएमए पदाधिकारियों डॉ अखिलेश खरे, डॉ मनोज शर्मा, मनोचिकित्सक डॉ दिनेश दुआ माैजूद थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने कहा कि हमारा लक्ष्य केवल बीमारियों का इलाज नहीं, बल्कि खुशहाल जीवन का निर्माण होना चाहिए। हैप्पीनेस इंडेक्स बढ़ाने के लिए जरूरी है कि समाज के हर व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य मजबूत हो। जब मन स्वस्थ होगा, तभी मुस्कान सच्ची होगी। स्वस्थ मन ही खुशहाल समाज की नींव है। जब प्रशासन, चिकित्सक और समाज साथ आएंगे, तभी हमारा जिला ‘हैप्पीनेस इंडेक्स’ में ऊंचाई छुएगा।
उन्होंने चिकित्सकों से कहा कि मरीजों के प्रति सहानुभूति, संवाद का व्यवहार सबसे असरदार दवा है। कभी-कभी एक स्नेहभरा शब्द, किसी मरीज के जीवन में नई रोशनी जला देता है। डीएम ने इस पहल को मानसिक स्वास्थ्य की दिशा में संवेदनशील प्रशासन का सशक्त कदम बताया।
सीएमओ डॉ. संतोष गुप्ता ने कहा कि जिला स्तर पर मानसिक रोगों की रोकथाम और परामर्श सेवाओं को और मजबूत किया जा रहा है। यह कार्यशाला चिकित्सा अधिकारियों को मानसिक रोगों की पहचान और इलाज के प्रति अधिक संवेदनशील बनाएगी।
कार्यशाला में विशेषज्ञों ने मानसिक विकारों की पहचान, काउंसलिंग तकनीक और सामुदायिक सहयोग की अहमियत पर विस्तार से चर्चा की। डिप्रेशन, एंग्जायटी, तनाव प्रबंधन और काउंसलिंग तकनीकों पर बल दिया। कार्यक्रम नोडल अधिकारी डॉ अमित सिंह ने प्रेजेंटेशन देकर राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की जानकारी दी। मानसिक स्वास्थ्य संवेदीकरण कार्यशाला में जनपद के अधीक्षक एवं आरबीएसके चिकित्सक मौजूद रहे।
डीएम ने सीएमओ डॉ. संतोष गुप्ता व कार्यक्रम नोडल अधिकारी डॉ अमित सिंह ने वृद्ध महिलाओं में रामश्री, जत्ता देवी, हरदेई, शीला और अनीसा को सहारा देने वाली स्टिक प्रदान की। डीएम ने मुस्कराते हुए कहा कि यह सिर्फ एक छड़ी नहीं, आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है।
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हिन्दुस्थान समाचार / देवनन्दन श्रीवास्तव