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संभल, 3 नवंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में संभल के एमपी—एमएलए कोर्ट ने सोमवार को कांवड़ियों पर टिप्पणी करने के मामले पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और इकबाल महमूद पर परिवाद दर्ज करने का आदेश दिया।
यह परिवाद सावन माह में कांवड़ियों के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर दायर किया गया है। कोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ता के बयान दर्ज करने के लिए 27 नवंबर की तारीख तय की है।
हिंदू रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सिमरन गुप्ता ने सोमवार को बताया कि 21 जुलाई को सावन माह के दौरान पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और संभल के सपा विधायक इकबाल महमूद ने शिवभक्तों के खिलाफ बयान दिए थे। इकबाल महमूद ने कथित तौर पर कहा था कि कांवड़ यात्रा में शिव भक्त कम और गुंडे-मवाली ज्यादा होते हैं।
इसी तरह, स्वामी प्रसाद मौर्य पर आरोप है कि उन्होंने कहा था कि कांवड़ यात्रा में गुंडे, मवाली, माफिया जैसे लोग जाते हैं और गुंडई करते हैं। सिमरन गुप्ता के अनुसार, इन बयानों से हिंदू धर्म के लोगों की आस्था को ठेस पहुंची है।
सिमरन गुप्ता ने बताया कि पुलिस के रिपोर्ट दर्ज न किए जाने के बाद उन्होंने संभल स्थित चंदौसी कोर्ट में एमपी-एमएलए कोर्ट के सिविल जज सीनियर डिविजन आदित्य सिंह की अदालत में वाद दायर किया था। न्यायालय ने इस वाद को धारा 223 भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता के तहत परिवाद के रूप में दर्ज किया है।
अधिवक्ता प्रसून कुमार वार्ष्णेय ने बताया कि न्यायालय ने 31 अक्टूबर को इस मामले में आदेश जारी किया। अब 27 नवंबर को मुवक्किल सिमरन गुप्ता के बयान दर्ज किए जाएंगे, जिसके बाद आरोपियों को बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / Nitin Sagar