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वाराणसी, 03 नवम्बर (हि. स.)। वाराणसी के बौद्ध धर्म स्थल सारनाथ में भगवान बुद्ध के अवशेषों के दर्शन के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का पहुंचना जारी है। सोमवार से बुधवार (05 नवम्बर) तक सारनाथ में भगवान बुद्ध के अवशेषों के दर्शन होंगे। श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, नेपाल आदि देशों से बौद्ध श्रद्धालुओं के सारनाथ पहुंचने के कारण होटल लॉज, बाजारों में चहल पहल और रौनक बढ़ी हुई है।
सोमवार को भगवान बुद्ध के अवशेषों के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। भगवान बुद्ध के प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ में प्रति वर्ष की तरह श्रद्धालुओं ने पहले भगवान बुद्ध के अवशेषों के दर्शन किए और अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
इसके अलावा सारनाथ में श्रीलंकन बुद्धा मंदिर, म्यांमार मंदिर, जापानी मंदिर, बोधि मंदिर सहित मंदिरों में झालरों से खूबसूरत सजावट की गई है, जिसे देखकर श्रद्धालुओं ने प्रसन्नता जाहिर किया। दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं ने बाजारों में घूमते हुए खरीदारी की और बनारसी चाट के साथ-साथ तमाम व्यंजनों का स्वाद चखा।
नेपाल से आए बौद्ध श्रद्धालु विमल अधिकारी ने कहा कि सारनाथ में भगवान बुद्ध के अवशेषों के दर्शन के लिए वह और उनका परिवार प्रतिवर्ष आता है। दो दिन की अपनी यात्रा में वह सारनाथ के दूसरे मंदिरों के भी दर्शन करते हुए अपने देश लौट जाएंगे। वह तीन बार सारनाथ आ चुके हैं और इस बार भी आकर उन्हें अच्छा लग रहा है। सारनाथ में पर्यटक विभाग का उन्हें भरपूर सहयोग मिल रहा है।
बता दें कि, भगवान बुद्ध का पवित्र अस्थि अवशेष को विहाराधिपति भिक्षु आर सुमित्ता नन्द थेरो ने मुख्य मंदिर के दर्शनार्थ रखा और बौद्ध भिक्षुओं ने भगवान बुद्ध की सुबह सवेरे ही पूजा की। इसके बाद अस्थि अवशेष को समस्त श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रख दिया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / श.चन्द्र