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बलरामपुर, 3 नवंबर (हि.स.)। बीते सप्ताह लगातार हुई मूसलाधार बारिश ने बलरामपुर जिले के किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। कई गांवों में खेतों में जलभराव होने से धान की खड़ी फसलें नष्ट हो गईं, वहीं कटाई के बाद खेतों में पड़ी फसल भी सड़ने लगी। स्थिति यह है कि कई जगहों पर धान के पौधे समय से पहले ही अंकुरित हो गए हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक क्षति हुई है।
लगातार छह-सात दिन बरसी बारिश, खेत बने तालाब
अक्टूबर के अंतिम दिनों से लेकर नवम्बर की शुरुआत तक जिले में लगभग एक सप्ताह तक निरंतर वर्षा होती रही। इससे खेतों में पानी भर गया और फसलें पूरी तरह डूब गईं। किसानों का कहना है कि पानी घटने के बाद जब वे खेतों में पहुंचे तो धान अंकुरित हो चुका था, जिससे उनकी पूरी मेहनत बेकार हो गई।
किसानों ने प्रशासन को सौंपा ज्ञापन
पिछड़ा वर्ग कांग्रेस जिलाध्यक्ष अनिल कुशवाहा के नेतृत्व में किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल आज सोमवार को वाड्रफनगर स्थित एसडीएम कार्यालय पहुंचा। उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए तीन प्रमुख मांगें रखीं। किसानों का बकाया ऋण माफ किया जाए, हुए नुकसान की भरपाई के लिए उचित मुआवजा दिया जाए, और शेष धान की खरीदी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
सरकार तुरंत करे राहत की घोषणा : कुशवाहा
अनिल कुशवाहा ने कहा कि धान ही अधिकांश किसानों की आय का प्रमुख स्रोत है, और इस आपदा से उनकी पूरी आजीविका खतरे में पड़ गई है। उन्होंने राज्य सरकार से अपील की कि किसानों को राहत देने के लिए शीघ्र ही ठोस कदम उठाए जाएं।
कुशवाहा ने कहा, किसानों की फसलें सिर्फ उनका भोजन नहीं, बल्कि उनका भविष्य हैं। सरकार को चाहिए कि नुकसान का तत्काल सर्वे कर राहत राशि और कर्ज माफी की घोषणा करे, ताकि मेहनतकश किसानों को न्याय मिल सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय