150 बीघा धान की ज़मीन में कमर तक पानी, किसानों का हाईवे पर प्रदर्शन
अलीपुरद्वार, 03 नवंबर (हि.स.)। चक्रवाती तूफ़ान ''मन्था'' का असर लगभग थम चुका है।अलीपुरद्वार जिले के पश्चिम कंथालबाड़ी और मेजबिल गांवों में लगभग 150 बीघा धान की ज़मीन अभी भी पानी में डूबी हुई है। किसानों का दावा है कि कुछ धान के खेतों में कमर तक
किसानों का हाईवे पर प्रदर्शन


अलीपुरद्वार, 03 नवंबर (हि.स.)। चक्रवाती तूफ़ान 'मन्था' का असर लगभग थम चुका है।अलीपुरद्वार जिले के पश्चिम कंथालबाड़ी और मेजबिल गांवों में लगभग 150 बीघा धान की ज़मीन अभी भी पानी में डूबी हुई है।

किसानों का दावा है कि कुछ धान के खेतों में कमर तक पानी है, तो कुछ में घुटनों तक है। वे इसके लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को ज़िम्मेदार ठहराते हुए सोमवार को जोरदार प्रदर्शन किया और हाईवे जाम कर दिया।

किसानों का आरोप है कि मेजबिल इलाके में गिरिया नदी पर कंक्रीट के पुल का काम कई महीनों से चल रहा है। नतीजतन, गिरिया नदी का रास्ता लगभग बन्द हो गया है जिससे बारिश का पानी नदी में नहीं बह पा रहा है। जिस वजह से किसान विरोध प्रदर्शन करते हुए निर्माणाधीन गिरिया पुल पर पहुंचे। आंदोलनकारी किसानों ने पुल का काम रुकवा दिया। इसके बाद गिरिया डायवर्जन पर खड़े होकर राजमार्ग जाम कर दिया।

जाम के कारण सप्ताह के पहले दिन दैनिक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। गिरिया ब्रिज के साइट इंचार्ज बुद्धदेव माइति मौके पर पहुंचे। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही पानी निकालने की व्यवस्था की जाएगी। करीब 40 मिनट बाद किसानों ने जाम हटा लिया। हालांकि, किसानों की मांग थी कि पानी निकालने की व्यवस्था के साथ-साथ धान का मुआवजा भी दिया जाए। क्योंकि अब अमन धान लगभग पक चुका है। पानी के कारण फसल को नुकसान हुआ है।

इस संबंध में किसानों ने यह भी कहा कि वे गण हस्ताक्षर वाला एक मांग पत्र भी बीडीओ और प्रखंड कृषि कार्यालय को सौंपेंगे।

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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन कुमार