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भोपाल, 3 नवंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश में राज्य सरकार ने गेहूं और धान की खरीदी करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव ने केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को पत्र लिखा है। विभागीय मंत्री प्रहलाद जोशी को लिखे इस पत्र में केंद्र से गेहूं और धान की सीधी खरीदी करने का आग्रह किया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश सरकार के निर्णय को किसानों के साथ खुला धोखा और आर्थिक शोषण की नीति बताया है।
जीतू पटवारी ने साेमवार काे जारी बयान में कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिखकर स्पष्ट कर दिया है कि अब राज्य सरकार गेहूं और धान की खरीदी नहीं करेगी, बल्कि इसकी जिम्मेदारी एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) पर डाल दी जाएगी। यह कदम सीधे तौर पर किसानों के हितों पर प्रहार है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब एफसीआई खरीदी करेगा तो गुणवत्ता मानक के नाम पर लाखों क्विंटल गेहूं और धान रिजेक्ट कर दिया जाएगा। किसानों को मजबूर होकर अपनी मेहनत की फसल औने-पौने दामों पर निजी व्यापारियों और दलालों को बेचना पड़ेगा। इससे किसानों को भारी घाटा होगा और उनकी गाढ़ी कमाई फिर से लुट जाएगी।
पटवारी ने कहा कि भाजपा सरकार हर बार किसानों से झूठे वादे करती है। कभी बोनस के नाम पर, कभी समर्थन मूल्य पर, तो कभी खरीदी केंद्रों की अव्यवस्था के नाम पर। अब तो सरकार ने पूरी तरह से खरीदी व्यवस्था से ही मुंह मोड़ लिया है, जो यह दर्शाता है कि भाजपा सरकार किसानों की नहीं, पूंजीपतियों की सरकार बन चुकी है। उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव से मांग की कि इस निर्णय को तत्काल वापस लिया जाए और पूर्व की तरह राज्य सरकार द्वारा ही गेहूं एवं धान की खरीदी सुनिश्चित की जाए, ताकि किसानों को उचित दाम और संरक्षण मिल सके। पटवारी ने कहा कि “कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ है, उनके अधिकारों और सम्मान की लड़ाई सड़कों से सदन तक लड़ेगी।”
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हिन्दुस्थान समाचार / नेहा पांडे