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रांची, 3 नवंबर (हि.स.)। आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने कहा है कि झारखंड की अबुआ सरकार सूचना के अधिकार कानून (आरटीई) से डरती है। इसलिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पूरे कार्यकाल में सूचना आयोग को निष्क्रिय बनाकर रखा है। इसी तरह झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जहां बीते पांच वर्षों से अधिक समय बीतने के बावजूद सूचना आयोग, महिला आयोग, लोकायुक्त, मानवाधिकार आयोग और अनुसूचित जाति आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाएं मृतप्राय अवस्था में पड़ी हैं।
नायक ने यह बातें सोमवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कही। नायक ने झारखंड की जनता राज्य सरकार से यह पूछ रही है कि जब संवैधानिक संस्थाएं निष्क्रिय कर दी गई हैं तो जनता न्याय की उम्मीद किससे करे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही आयोगों का गठन नहीं किया गया तो आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar