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- मुख्यमंत्री ने किया उज्जैन के आकाशवाणी केन्द्र का लोकार्पण, जिले को दी 179 करोड़ रुपये के विकास कार्यों की सौगात
भोपाल, 26 नवंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री डॉ. एल. मुरुगन के साथ उज्जैन में नवनिर्मित आकाशवाणी केन्द्र का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उज्जैन जिले को कई सौगातें दी। उन्होंने कार्यक्रम से उज्जैन जिले के लिए करीब 179 करोड़ रुपये की लागत के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया।
मुख्यमंत्री ने लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह आकाशवाणी का उज्जैन केन्द्र है, ऐसा सुनने की हसरत अब जाकर पूरी हुई है। आकाशवाणी का भवन तैयार था, परंतु प्रसारण की मंजूरी के कारण अटका था। मंजूरी मिलने के मात्र 6 माह में उज्जैन के आकाशवाणी केंद्र से प्रसारण प्रारम्भ हो गया है। यह प्रदेश का 20वां आकाशवाणी केन्द्र है। इस केंद्र से निकले एक-एक शब्द उज्जैन और सिंहस्थ की प्रतिष्ठा होंगे। आकाशवाणी के कार्यक्रम, इसकी प्रस्तुति गांव-गांव तक उज्जैन और सिंहस्थ की महिमा पहुंचाएगी। मुझे विश्वास है कि आकाशवाणी अपना यह दायित्व, पूर्ण निष्ठा के साथ निभाएगा।
उन्होंने कहा कि मनोरंजन के साथ आकाशवाणी ने समाज सेवा और जन-जागरूकता में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उज्जैन से होने वाला प्रसारण आकाशवाणी के इतिहास में नई इबारत लिखकर चार चांद लगाएगा। यहां रोजाना सुबह 5.55 बजे से प्रारंभ होकर रात 11 बजे तक लगातार प्रसारण जारी रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से उपचार और इसके प्रचार-प्रसार के मामले में सिरमौर है, इसलिए उज्जैन में आयुर्वेद का एम्स बनाने की दिशा में भी हम केन्द्र सरकार को अपना प्रस्ताव भेजेंगे।
उन्होंने नगरवासियों को आकाशवाणी केंद्र के शुभारंभ की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह उज्जैन के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण हैं। यहां के लोगों के कान अपने आकाशवाणी केंद्र की आवाज सुनने को तरस गए थे। यह स्वप्न प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री डॉ. एल. मुरुगन के प्रयासों से पूरा हो रहा है। उज्जैन की हवा में बाबा महाकाल की भक्ति और शक्ति निरंतर रहती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्जैन भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली रही है। उज्जैन के कण-कण में सम्राट विक्रमादित्य का गौरव महसूस होता है। वे आज भी हमारे आदर्श हैं। यह आकाशवाणी केन्द्र उज्जैन के लिए देववाणी और महालोक वाणी बनेगा। उन्होंने कहा कि 2028 में सिंहस्थ आने वाला है। युवाओं, कलाकारों ने अपनी तैयारियां कर ली हैं। उज्जैन में भगवान श्रीकृष्ण का शिक्षा आश्रम है। राज्य सरकार श्रीकृष्ण से जुड़े सभी लीला स्थलों को तीर्थ के रूप में विकसित करेगी। एक दिसंबर को पूरे प्रदेश में धूमधाम से गीता जयंती मनाई जाएगी।
सोने पर सुहागा सिद्ध होगा उज्जैन स्टेशन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आकाशवाणी ने कला-संस्कृति, शिक्षा-स्वास्थय, जनजागरुकता और कृषि समेत हर क्षेत्र के संरक्षण और संवर्धन में अपना अद्वितीय योगदान दिया है। आकाशवाणी ने रंगकर्मियों और विभिन्न कलाधर्मियों को भी सुनहरा मंच दिया है। वर्ष 2028 में सिंहस्थ महाकुंभ जैसे विराट महा-आयोजन की तैयारी हम कर रहे हैं। ऐसे में आकाशवाणी उज्जैन का शुरू होना सोने पर सुहागा सिद्ध होगा। स्थानीय प्रसारण के जरिये देश-विदेश के करोड़ों श्रद्धालु और पर्यटक बाबा महाकाल की नगरी के वैभव का आंखों देखा हाल सुन पाएंगे। उन्होंने बताया कि सिंहस्थ महाकुंभ को यूनेस्को की सूची में भी शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि उज्जैन शहर से कनेक्टिविटी, ट्रैफिक की सुगमता के लिए सड़कों का चौड़ीकरण, उन्नयन हम युद्ध स्तर पर कर रहे हैं। उज्जैन नगरी और बाबा महाकाल की महिमा श्रद्धालुओं को रोचक तरीके से पहुंचाने के लिए रुद्रसागर पर वाटर स्क्रीन प्रोजेक्शन एवं म्यूजिकल फाउंटेन-शो की शुरुआत भी हमने की है। उन्होंने कहा कि आकाशवाणी उज्जैन सिंहस्थ के जीवंत प्रसारण (Live Telecast) का इतिहास लिखेगा और यहां से प्रसारित होने वाले कार्यक्रम उदाहरण बनेंगे। उन्होंने कहा कि उज्जैन में स्वास्थ्य सुविधाओं का भी तीव्र विस्तार किया जा रहा है। हमारी सरकार यहां मेडिकल टूरिज्म हब बना रही है। इसी कड़ी में मेडिसिटी का निर्माण हो रहा है। हमने लक्ष्य रखा है कि सिंहस्थ 2028 से संबंधित सभी अवंसरचनात्मक एवं प्रबन्धात्मक कार्य वर्ष 2027 के अंत तक पूरे कर लेंगे।
मालवी बोली में भी होगा समाचारों का प्रसारण : केन्द्रीय राज्यमंत्री
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने कहा कि आज से आकाशवाणी उज्जैन अपने द्वारा बनाए कार्यक्रमों का प्रसारण प्रारंभ कर रहा है। यह एक फुल फ्लेश आकाशवाणी केन्द्र है। मध्य प्रदेश में उज्जैन को मिलाकर अब आकाशवाणी के 20 केंद्र संचालित हो रहे हैं। उज्जैन केंद्र युवाओं के रोजगार और प्रसारण कौशल के प्रशिक्षण के माध्यम बनेगा। साथ ही यह मालवा की संस्कृति, लोक कलाओं, स्थानीय व्यंजनों एवं स्थानीय बोलियों को नई पहचान दिलाएगा। आकाशवाणी केंद्र से मालवी बोली में समाचारों का प्रसारण भी किया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर