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नाहन, 26 नवंबर (हि.स.)। सिरमौर जिले स्थित नाहन की आदर्श केंद्रीय कारागार से आजीवन सज़ा काट रहे चार कैदियों को रिहाई मिल गई है। जेल प्रबंधन के अनुसार यह रिहाई सरकार की प्री-मैच्योर रिलीज़ नीति के तहत पूरी की गई औपचारिकताओं के बाद हुई।
केंद्रीय कारागार के सुपरिंटेंडेंट भानुप्रकाश वर्मा ने बताया कि रिहाई सरकार की प्री-मैच्योर रिलीज़ नीति के तहत आवश्यक औपचारिकताएँ पूरी होने के बाद की गई है। उन्होंने कहा कि कुल छह आजीवन कैदियों के नाम प्री-मैच्योर रिलीज़ के लिए भेजे गए थे, जिनमें से चार कैदियों को रिहा किया जा चुका है, जबकि दो कैदियों के श्योरिटी बॉन्ड आना बाकी है। उनके श्योरिटी बॉन्ड से संबंधित रिपोर्ट जैसे ही नाहन जेल प्रशासन को मिलेगी, उनकी रिहाई भी संभव हो जाएगी।
मुक़्त हुए चार कैदियों में सिरमौर, बिहार, हरियाणा और हिमाचल के ऊना जिले से जुड़े लोग शामिल हैं। इस पूरी प्रक्रिया में जेल अधीक्षक की रिपोर्ट एडीजी जेल के माध्यम से स्टेट सेंटेंस रिव्यू बोर्ड तक पहुँचती है। बोर्ड की सहमति के बाद मामला राज्य कैबिनेट में जाता है। कैबिनेट हरी झंडी देती है तभी रिहाई का आदेश जारी होता है। नई गाइडलाइन के अनुसार हर कैदी को 10 हज़ार रुपये का श्योरिटी बॉन्ड जमा करना अनिवार्य है, जिसकी पुष्टि संबंधित डीसी द्वारा होती है।
सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के मुताबिक समय से पहले रिहाई पर फैसला लेते वक्त राज्य सरकार को अपराध की प्रकृति, कैदी का व्यवहार, समाज पर पड़ने वाले प्रभाव और मानवीय पहलुओं को संतुलित करना होता है। नाहन केंद्रीय कारागार के सुपरिंटेंडेंट भानुप्रकाश वर्मा ने कहा कि हत्या के मामलों में उम्रकैद भुगत रहे चार कैदियों को आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद रिहा किया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / जितेंद्र ठाकुर