हिसार : दीनदयाल अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना में पांच लाख की धोखाधड़ी का पर्दाफाश
सीएससी संचालक ने पीड़ित के खाते से हड़प ली राशि, केस दर्जहिसार, 26 नवंबर (हि.स.)। सीएम फ्लाइंग टीम ने दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना में बड़ी धोखाधड़ी का खुलासा किया है। जांच में सामने आया कि हिसार के एक सीएससी संचालक ने गरीब परिवार
पीड़ित रमेश कुमार व उनकी धर्मपत्नी।


सीएससी संचालक ने पीड़ित के खाते से हड़प ली राशि, केस दर्जहिसार, 26 नवंबर (हि.स.)। सीएम फ्लाइंग टीम ने दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना में बड़ी धोखाधड़ी का खुलासा किया है। जांच में सामने आया कि हिसार के एक सीएससी संचालक ने गरीब परिवार को मिलने वाली पांच लाख की सहायता राशि धोखे से पीड़ित के बैंक खाते से अपने खाते में ट्रांसफर कर ली। मामले का पर्दाफाश होने पर आजाद नगर पुलिस थाने में आरोपी सीएससी संचालक सिरसा जिला के कोटली निवासी राजेंद्र के खिलाफ विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया गया है।सीएम फ्लाइंग हिसार रेंज इंचार्ज सुनैना ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि कुछ सीएससी संचालक दीनदयाल अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना में कमीशनखोरी और धोखाधड़ी कर रहे हैं। सरकार द्वारा बीपीएल परिवारों को 6 से 60 वर्ष की आयु में किसी सदस्य की मृत्यु पर एक लाख से पांच लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है लेकिन कई स्थानों पर संचालकों द्वारा पीड़ित परिवारों से 25 से 30 प्रतिशत तक कमीशन वसूले जाने की शिकायतें मिल रही थीं। इन्हीं शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए सीएम फ्लाइंग टीम ने गुप्त जांच शुरू की। जांच के दौरान सामने आया कि भगाणा गांव निवासी रमेश के पुत्र गोविंदा की मृत्यु के बाद उसे योजना का लाभ दिलवाने के नाम पर सीएचसी संचालक राजेंद्र ने कई दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए। जांच में सामने आया कि आरोपी ने अपने लेबर केंद्र के माध्यम से गरीब मजदूरों के नाम पर स्टांप और खाली कागजों पर हस्ताक्षर करवा लेता है, ताकि जरूरत पड़ने पर उनका दुरुपयोग किया जा सके।सीएम फ्लाइंग हिसार रेंज इंचार्ज सुनैना ने बुधवार काे बताया कि आरोपी राजेंद्र ने रमेश को भरोसे में लेकर मृतक के नाम से हिसार मुख्य डाकघर में खाता खुलवाया और प्रक्रिया पूरी करने के नाम पर उसके मोबाइल का सिम भी कई दिनों तक अपने पास रख लिया। इसी के चलते इस वर्ष 6 मार्च को योजना के तहत पांच लाख रुपये खाते में आए, जिनको आरोपी ने नेफ्ट के माध्यम से अपने खाते में ट्रांसफर कर लिया, जबकि न तो पीड़ित से हस्ताक्षर करवाए गए और न ही अंगूठा लगाया गया। बाद में उसने योजना बंद होने का बहाना बनाकर सिम कार्ड वापस कर दिया और पूरी राशि देने से साफ मना कर दिया। जांच में यह भी पाया है कि पूरी राशि धोखे से अपने खाते में डालकर आरोपी ने गंभीर वित्तीय अनियमितता और धोखाधड़ी को अंजाम दिया। सीएम फ्लाइंग की रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।पीड़ित गांव भगाना निवासी रमेश कुमार ने बताया कि उक्त योजना के लिए जब उन्होंने आवेदन किया था, उस समय उनका नाम बीपीएल सूची में दर्ज था और वे बीपीएल श्रेणी के तहत मिलने वाली सरकारी सुविधाओं का लाभ ले रहे थे। आरोपी राजेंद्र ने न सिर्फ़ उनसे पांच लाख रुपये की धोखाधड़ी की, बल्कि अपने सीएससी सेंटर के माध्यम से उनकी आय में मनमाना बदलाव कर दिया। आय बढ़ा देने के कारण रमेश कुमार का परिवार बीपीएल सूची से बाहर हो गया और वे अब बीपीएल श्रेणी के तहत मिलने वाली सभी सुविधाओं से वंचित रह गए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर