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विधानसभा में प्रमुखता से उठाया जाएगा मामला
रोहतक, 26 नवंबर (हि.स.) l लाखनमाजरा व बहादुरगढ़ में खेल स्टेडियम में प्रैक्टिस के दौरान बॉस्केट बॉल का पोल गिरने से दो खिलाडिय़ों की हुई मौत ने सरकार को कटघरे में खड़े करते हुए खेल नीति पर सवालियां निशान लगा दिया है। बुधवार को रोहतक में पत्रकारों से बातचीत करते पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने दोनो होनहार खिलाडिय़ों की मौत पर संवेदना प्रकट करते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा सरकार खेल और खिलाडिय़ों से दुश्मनों जैसा बर्ताव कर रही है। उन्होंने कहा कि खेल स्टेडियामें में बास्केटबॉल के जर्जर हो चुके पोल के गिरने से बहादुरगढ़ व लाखनमाजरा में दो होनहार युवा खिलाडियों हार्दिक और अमन की दर्दनाक मौत हुई।
यह कोई साधारण दुर्घटना या सामान्य मृत्यु नहीं है, बल्कि सरासर सरकारी लापरवाही से हुई हत्या है। हार्दिक राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी था। उसका भविष्य बहुत उज्ज्वल था, क्योंकि वो अभी से अमेरिका के एक क्लब से भी जुड़ चुका था। इसी तरह मात्र 15 वर्षीय अमन भी एक होनहार खिलाड़ी था। दोनों युवा खिलाडिय़ों की असमय मृत्यु ने पूरे प्रदेश को स्तब्ध कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने इस मामले की निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
साथ ही दोनों मृतक खिलाडिय़ों के परिवारों को तुरंत सरकारी नौकरी दी जाए पर्याप्त आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि इस हादसे की सीधी जिम्मेदारी वर्तमान भाजपा सरकार की है। क्योंकि कांग्रेस सरकार के समय खेलों के लिए जो विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया गया था, उसका रख-रखाव तक इस सरकार ने नहीं किया। आज हरियाणा में खेल व्यवस्था पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। स्टेडियम, खेल मैदान और उपकरणों की कोई सुध नहीं ली जा रही। लखनमाजरा में जिस पोल से यह हादसा हुआ, वह पूरी तरह जंग लगा और जर्जर हालत में था।
सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने स्टेडियम के लिए दी लाखो की ग्रांट, लेकिन धरातल पर नहीं हुआ काम
पूर्व मुख्यंमत्री ने बताया कि सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने इसी लखनमाजरा ग्राउंड के लिए 12 लाख 30 हजार रुपये और उसके बाद 6 लाख 20 हजार रुपये और दिए थे, लेकिन सारा पैसा कागजों में ही दबकर रह गया, धरातल पर कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आने के बाद हरियाणा की खेल नीति पूरी तरह ठप्प हो गई है। न कोई नई खेल नीति है, न कोचिंग व्यवस्था है, न टैलेंट हंट प्रोग्राम है और न ही इंफ्रास्ट्रक्चर का रख-रखाव हो रहा है। राजीव गांधी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स रोहतक सहित चरखी दादरी, अंबाला, सिरसा, कुरुक्षेत्र आदि तमाम स्थानों पर बने स्टेडियमों की हालत बद से बदतर है। हुड्डा ने कहा कि हरियाणा छोटा राज्य होने के बावजूद ओलंपिक-पैरालंपिक में सबसे ज्यादा मेडल लाता रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल