सभी हेडमास्टर को मिले डीडीओ पावर : टीजीटी संघ
हमीरपुर, 26 नवंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में 25 साल के लंबे इंतजार के बाद टीजीटी शिक्षक अब हेडमास्टर बन रहे हैं, लेकिन सैंकड़ों पदोन्नत हेडमास्टर आज भी डीडीओ शक्ति से वंचित हैं। अधिकांश हाई स्कूलों में हेडमास्टरों को स्टाफ का वेतन तैयार करने, बिल प
सभी हेडमास्टर को मिले डीडीओ पावर : टीजीटी संघ


हमीरपुर, 26 नवंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में 25 साल के लंबे इंतजार के बाद टीजीटी शिक्षक अब हेडमास्टर बन रहे हैं, लेकिन सैंकड़ों पदोन्नत हेडमास्टर आज भी डीडीओ शक्ति से वंचित हैं। अधिकांश हाई स्कूलों में हेडमास्टरों को स्टाफ का वेतन तैयार करने, बिल पास करने, अनुदान खर्च करने और प्रशासनिक कार्यों की अनुमति नहीं दी गई है, जबकि पुराने कुछ हाई स्कूलों में यह शक्ति पहले से मौजूद है। इससे एक ही पद पर कार्यरत हेडमास्टरों के अधिकारों में असमानता पैदा हो गई है।

टीजीटी संघ का कहना है कि सभी हाई स्कूलों में तत्काल डी डी ओ शक्ति प्रदान की जाए जबकि मिडल स्कूलों के लिए दूसरे राज्यों की तर्ज पर अलग हेडमास्टर पद सृजित किए जा सकते हैं। देश के तमिलनाडु, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा और असम में यह व्यवस्था पहले से लागू है। हिमाचल में भी 1948 मिडल स्कूलों में हेडमास्टर पद सृजित करने की मांग की गई है ताकि स्कूल प्रशासन जवाबदेह और प्रभावी बन सके।

टीजीटी संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय बरवाल, महिला विंग अध्यक्ष रीता बाल्याणी, प्रदेश महासचिव विजय हीर, जोन उपाध्यक्ष खुशहाल पठानिया सहित अन्य पदाधिकारियों ने संयुक्त बयान में कहा कि हेडमास्टर्स की जिम्मेदारी पूरी है लेकिन अधिकार आधे हैं। प्रदेश के कई स्कूलों में वेतन बिल भी दूसरे कार्यालयों से बनाना पड़ रहा है, जिससे कार्य प्रभावित हो रहा है। टीजीटी से हेडमास्टर के करीब 270 पदों पर प्रमोशन चार महीने से लंबित है। डीपीसी पूरी होने के बावजूद आदेश जारी नहीं किए गए हैं।

इसी तरह टीजीटी से प्रवक्ता पदोन्नति भी अधर में है। हाईकोर्ट द्वारा 592 प्रवक्ताओं की डिमोशन पर भले ही स्टे दिया गया हो, लेकिन खाली पड़े पदों पर प्रमोशन करने पर कोई रोक नहीं है और आचार संहिता लागू होने से पहले आदेश जारी करना संभव है।

हिन्दुस्थान समाचार / विशाल राणा