शहर में अब स्मार्ट सफाई की उम्मीद, निगम के साथ स्मार्ट सिटी लिमिटेड भी कराएगा सफाई
व्यवस्थाएं सुधरने की उम्मीद, खर्च होंगे 125 करोड़
शहर में अब स्मार्ट सफाई की उम्मीद


जयपुर, 26 नवंबर (हि.स.)। राजधानी की सफाई व्यवस्था को लेकर नगर निगम के साथ ही अब स्मार्ट सिटी लिमिटेड भी काम करेगा। शहर को स्वच्छता में बेहतर बनाने को लेकर स्मार्ट सिटी ने कई योजनाएं तैयार की है। इन सब पर स्मार्ट सिटी करीब 125 करोड़ रुपये खर्च करेगा। स्मार्ट सिटी लिमिटेड शहर से ओपन कचरा डिपो और डम्पिंग स्टेशन को समाप्त करने को लेकर भी काम करेगा। इसके अलावा कचरे का समय पर संग्रहण, गीला-सूखा सहित अन्य वेस्ट का तय नियमों में संग्रहण सहित अन्य विषयों पर भी काम करेगा।

बनेंगे तीन कॉम्पेक्ट कचरा ट्रांसफर स्टेशन

जयपुर शहर से एकत्रित करने कचरे को प्रोसेसिंग कर उचित स्थान पर भेजने के लिए स्मार्ट सिटी ने योजना बनाई है। वर्तमान में जयपुर शहर से करीब 2100 टन कचरा उठ रहा है, लेकिन प्रोसेसिंग होकर विभिन्न कचरा निस्तारण स्टेशनों पर 2000 टन से कम कचरा पहुंच रहा है। इसी को ध्यान में रखकर स्मार्ट सिटी तीन कॉम्पेक्ट कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनाने की योजना पर काम कर रहा है। इस प्रोजेक्ट को तैयार कर स्मार्ट सिटी ने मिनिटरी ऑफ हेल्थ एण्ड अरबन अफेयर को भेजा है। मंजूरी मिलने पर इस पर काम किया जाएगा। योजना के तहत सीतापुरा, मानसरोवर और ब्रह्मपुरी में कॉम्पेक्ट कचरा ट्रांसफर स्टेशन बनाए जाने है। इन स्टेशनों पर कचरे को कम्पोस्ट किया जाएगा ताकि कम संसाधनों का उपयोग कर अधिक से अधिक कचरे का परिवहन किया जा सके।

कचरा निस्तारण वाले संयत्रों की बढाई जाएगी क्षमता

स्मार्ट सिटी लिमिटेड कचरा निस्तारण वाले संयंत्रों की क्षमता बढ़ाने को लेकर भी योजना बना है। यह योजना साल 2027 तक को ध्यान में रखकर बनाई गई है। लांगडियावास स्थित जिंदल वेस्ट टू एनर्जी प्लांट की क्षमता वर्तमान में 350 से 450 टन कचरा निस्तारण करने की है। इसकी क्षमता बढ़ाकर 750 से 800 टन करने की है। इसके अलावा सेवापुरा कम्पोस्ट प्लांट, गेल का बायोगैस प्लांट और लागडियावास स्थित सीएनडी वेस्ट प्लांट की क्षमता बढ़ाने पर काम किया जाएगा। ताकि जयपुर में आगामी समय पर बढऩे वाले कचरे का पूरी तरह से निस्तारण किया जा सकेगा। उत्पादित 50 प्रतिशत कचरा फूड सम्बंधी हाल ही में एमएनआईटी द्वारा किए गए सर्वे में सामने आया कि शहर में निकलने वाले कचरे में सबसे बड़ा भाग फूड सम्बंधी होता है जो कि विभिन्न होट्ल्स सहित अन्य प्रतिष्ठानों व अन्य से निकलता है। 14 प्रतिशत कचरा विभिन्न कारखानों या अन्य संस्थाओं से निकलता है। इसमें फाइबर, कागज, थर्माकोल सहित अन्य होता है। 12 प्रतिशत कचरा प्लास्टिक और पॉलीथीन का होता है।

स्मार्ट सिटी लिमिटेड एक्सईएन(प्रथम) अमित कुमार का कहना है कि शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर काम किया जाएगा ताकि शहर की स्वच्छता रैकिंग में सुधार हो। इसके लिए विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर काम किया जाएगा। इसमें कचरा निस्तारण, संग्रहण और परिवहन सहित अन्य विषयों पर काम किया जाएगा। वर्तमान में जो खामियां उसमें सुधार किया जाएगा। वहीं ओपन कचरा डिपो और डंपिंग स्टेशनों को समाप्त करने पर भी काम किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश