पानीपत में बेसहारा गो-मुक्त हरियाणा के लिए तेज़ होगी कार्रवाई: श्रवण गर्ग
पानीपत, 26 नवंबर (हि.स.)। हरियाणा गौशाला सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने बुधवार को पानीपत जिले की प्रमुख गौशालाओं जिनमें पानीपत, नौल्था, शाहपुर और शिव गौशाला का निरीक्षण कर गौ संरक्षण और गोवंश संवर्धन को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। गोहान
पानीपत स्थित गोशाला में प्रबंधकों की बैठक को संबोधित करते हरियाणा गौशाला सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग


पानीपत, 26 नवंबर (हि.स.)। हरियाणा गौशाला सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग ने बुधवार को पानीपत जिले की प्रमुख गौशालाओं जिनमें पानीपत, नौल्था, शाहपुर और शिव गौशाला का निरीक्षण कर गौ संरक्षण और गोवंश संवर्धन को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। गोहाना रोड स्थित मुख्य गौशाला में आयोजित बैठक में उन्होंने जिले की सभी पंजीकृत गौशालाओं के प्रतिनिधियों को जिम्मेदारियां सौंपी तथा उनकी समस्याओं को सुनकर समाधान का आश्वासन दिया। गर्ग ने कहा कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य हरियाणा को बेसहारा गो-मुक्त बनाना है और इसके लिए प्रशासन, गौशालाओं व समाज को मिलकर काम करना होगा।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि गौवंश सडक़ों पर न दिखे, इसके लिए सभी गौशालाओं को अपनी क्षमता बढ़ानी होगी। इसी कड़ी में जिले की पांच गौशालाओं ने 1300 गोवंश रखने की सहमति व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि पंजीकृत गौशालाओं को सरकार अनुदान दे रही है, इसलिए आवारा व बेसहारा गोवंश को आश्रय देना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी बनती है। चेयरमैन ने बताया कि पानीपत जिले की गौशालाओं के उत्थान के लिए सरकार द्वारा 2 करोड़ 82 लाख रुपये की राशि जारी की गई है, जो अब तक की सबसे बड़ी सहायता है।

उन्होंने गौशाला प्रबंधक समितियों से अपील की कि वे देशी गायों के संवर्धन में योगदान दें, क्योंकि अनेक गौशालाएं 2000 लीटर से अधिक दूध उत्पादन कर रही हैं, जो देसी नस्ल की क्षमता को दर्शाता है। निरीक्षण के दौरान गर्ग ने विशेष रूप से निर्देश दिए कि किसी भी गाय या नंदी को वैक्सीनेशन से वंचित न छोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि मुंहखुर व गलघोटू जैसी बीमारियों से बचाव के लिए समय पर टीकाकरण अनिवार्य है।

चेयरमैन ने बताया कि जिन गौशालाओं ने अभी तक अनुदान के लिए आवेदन नहीं किया है, उनके लिए सरल पोर्टल को 30 नवंबर तक दोबारा खोल दिया गया है, जिससे वे योजना का लाभ ले सकें। इस अवसर पर रामनिवास गुप्ता ने बैठक में मौजूद सभी गौशाला प्रबंधन प्रतिनिधियों से नस्ल सुधार कार्यक्रम में सहयोग करने और समय पर अनुदान के लिए आवेदन करने की अपील की।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल वर्मा