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फर्रुखाबाद, 26 नवंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश मेडिकल एंड सेल्स रिप्रेजेंटेटिव एसोसिएशन के बैनर तले प्रतिनिधियों ने बुधवार को कलेक्ट्रेट पहुंच प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को संबोधित 29 सूत्रीय ज्ञापन जिलाधिकारी की गैर मौजूदगी में नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि सरकारी कार्रवाई के अभाव में नियोक्ता कर्मचारियों के साथ मनमानी कर रहे हैं। जिनमें अवैध स्थानांतरण, नौकरी से निकालना, वेतन व टीए/डीए रोकना, फर्जी आरोप लगाना तथा यूनियन नेताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज कराकर उन्हें डराने जैसी गतिविधियां शामिल हैं।
मांग की गई कि चार श्रम संहिताओं को निरस्त कर मौजूदा श्रम कानूनों विशेषकर सेल्स प्रमोशन कर्मचारी (सेवा की शर्तें) अधिनियम 1976 को यथावत लागू रखा जाए। इसके अलावा एसपीएस कर्मचारियों की छंटनी, स्थानांतरण और निश्चित अवधि नियुक्ति पर रोक लगाने, समय पर वेतन भुगतान, बोनस, यात्रा भत्ता बढ़ाने तथा मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के कार्य को अपराध घोषित करने वाले निर्णय को वापस लेने की मांग की गई।
ज्ञापन में न्यूनतम वेतन 26,910 रुपये प्रति माह, 8 घंटे कार्य दिवस निर्धारित करने, ईपीएस पेंशन 9000 करने, दवाओं व उपकरणों पर जीएसटी शून्य करने, दवाओं की कीमतों पर नियंत्रण व ऑनलाइन दवा बिक्री पर रोक लगाने की मांग भी की। संघ ने आरोप लगाया कि कुछ प्रबंधन पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी मामलों में नेताओं को परेशान कर रहे हैं, ताकि लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचला जा सके। इस दौरान कपिल दिवाकर, विमलेश कुमार मिश्रा, संगीत त्रिपाठी, भूपेंद्र सिंह, अभिषेक शुक्ला, हरिगोविन्द सैनी, विनीत तिवारी, वरुण त्रिपाठी आदि रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Chandrapal Singh Sengar