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भोपाल, 26 नवंबर (हि.स.)। देश में सर्वप्रथम मध्य प्रदेश में अखिल भारतीय बाघ आकलन के छठे चक्र के अंतर्गत कंप्यूटर ऑपरेटरों के लिए 25 एवं 26 नवंबर को एक-एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन राज्य वन अनुसंधान संस्थान जबलपुर में किया गया। जिसमें अखिल भारतीय बाघ आकलन के नोडल अधिकारी, मध्यप्रदेश द्वारा निर्धारित 83 वन मंडलों, टाइगर रिजर्व, संरक्षित क्षेत्रों एवं निगम मंडलों के कुल 169 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसके माध्यम से प्रदेश के सभी वनमंडलों की लगभग 8500 बीटों से शाकाहारी एवं मांसाहारी वन्यप्राणियों के आँकड़े संगृहीत किए जाएंगे।
मध्य प्रदेश अपने 'टाइगर स्टेट' का दर्जा बरकरार रखने के लिए बीते हुए चक्रो की भांति अखिल भारतीय बाघ आकलन के छठवें चक्र में पूरी तरह से प्रयासरत है। मध्य प्रदेश वन विभाग द्वारा पूर्व में सम्पूर्ण वनमंडलो से बाघ एवं अन्य वन्य प्राणियों के आँकड़े (डाटा) एकत्रित करने के लिये अधिकारी से लेकर क्षेत्रीय अमले तक विभिन्न चरणों में प्रशिक्षण कार्यशालाएँ आयोजित की गई थी।
प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रतिभागियों को एम-स्ट्राइप्स डेस्कटॉप एप्लीकेशन पर प्रशिक्षण दिया गया, जिससे प्रदेश के सम्पूर्ण वनमंडलो से एकत्रित किए गए आँकड़े सटीक रूप में संधारित किए जा सकें एवं राज्य वन अनुसंधान संस्थान के माध्यम से भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून के टाइगर सेल को प्रदान किए जा सकें। उक्त प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रतिभागियों को बारीकी से सिखाया गया कि बाघ आकलन के निर्धारित मापदंडों के आधार पर डाटा को कंप्यूटर में किस प्रकार दर्ज (संधारित) किया जाएगा, इसके साथ प्रशिक्षार्थियों को प्रदेश के टाइगर स्टेट के दर्जे को बरक़रार रखने के लिए शपथ दिलाई गई।
कार्यशाला का शुभारंभ राज्य वन अनुसंधान संस्थान, जबलपुर के संचालक प्रदीप वासुदेवा द्वारा किया गया। उपसंचालक संदीप फेलोज एवं जबलपुर वन मंडल के वनमंडलाधिकारी ऋषि मिश्रा उपस्थित रहे। प्रशिक्षण कार्यशाला में भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून एवं राज्य वन अनुसंधान संस्थान, जबलपुर के वैज्ञानिक दल द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। कार्यशाला में भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून की ओर से मनीष एवं ओमकार नार के द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया, राज्य वन अनुसंधान संस्थान, जबलपुर की ओर से वैज्ञानिक डॉ. अनिरुद्ध मजूमदार, एस.एस. रघुवंशी, ज्योत्सना गुप्ता, राजेश दीक्षित, बलराम लोधी, दीप्ति सोनावने, पियूषा विश्वास, संत कुमार, अर्घ्य कुसुम दास, सूर्यांश दुबे आदि की उपस्थित में कार्यशाला सफलतापूर्वक हुई।
अखिल भारतीय बाघ आकलन-2026 के लिये प्रदेश के सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व में मुख्य वन संरक्षक स्तर की कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसके अलावा माधव टाइगर रिज़र्व, पन्ना टाइगर रिज़र्व, कान्हा टाइगर रिज़र्व एवं सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व में वनमंडलाधिकारी स्तर की कार्यशालाएँ आयोजित की गई थीं। प्रदेश के 9 टाइगर रिज़र्व (पेंच, कान्हा , बांधवगढ़ , सतपुड़ा , पन्ना , माधव , वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिज़र्व, रातापानी एवं संजय-डुबरी टाइगर रिज़र्व) तथा 2 संरक्षित क्षेत्रों (गांधीसागर अभयारण्य एवं खिवनी वन्यजीव अभयारण्य) में उप वनमंडलाधिकारी, परिक्षेत्र अधिकारी एवं फॉरेस्ट गार्ड स्तर की कार्यशालाओं का भी आयोजन किया गया था।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर