शहीद विंग कमांडर नमांश सयाल के घर पहुंचे सांसद अनुराग ठाकुर, दी श्रद्धांजलि
धर्मशाला, 26 नवंबर (हि.स.)। सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर बुधवार को शहीद विंग कमांडर नमांश सयाल के पैतृक निवास नगरोटा बगवां पहुंचे और उनके परिवार से भेंट कर गहरी संवेदना प्रकट की। उन्होंने शहीद नमांश को श्रद्धांजलि अर्पित करते ह
शहीद नमांश स्याल के घर श्रद्धांजलि देते हुए सांसद अनुराग ठाकुर।


धर्मशाला, 26 नवंबर (हि.स.)। सांसद एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर बुधवार को शहीद विंग कमांडर नमांश सयाल के पैतृक निवास नगरोटा बगवां पहुंचे और उनके परिवार से भेंट कर गहरी संवेदना प्रकट की। उन्होंने शहीद नमांश को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि देश ने एक बहादुर, कर्तव्यनिष्ठ और अदम्य साहस वाले फाइटर पायलट को खो दिया है, जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती।

अनुराग ठाकुर ने परिवार को आश्वस्त करते हुए कहा कि इस दुखद घटना की निष्पक्ष, गहन और त्वरित जांच सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि वह स्वयं संबंधित अधिकारियों से लगातार संपर्क करके पोस्टमार्टम रिपोर्ट की शीघ्र उपलब्धता को लेकर उच्च स्तर पर फॉलो-अप करेंगे ताकि परिवार को अनावश्यक विलंब का सामना न करना पड़े।

उन्होंने कहा कि “नमांश ने राष्ट्र सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया है। देश उनका ऋणी है और ऐसे वीर सपूतों के परिवारों का सम्मान एवं सहयोग हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

अनुराग ठाकुर ने कहा कि इस कठिन समय में पूरा देश सयाल परिवार के साथ खड़ा है। उन्होंने शहीद के पिता जगन्नाथ सयाल, जो स्वयं भी एक सेवानिवृत्त सेना अधिकारी हैं, से धैर्य बनाए रखने को कहा और इस अपूरणीय क्षति को सहने की शक्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।

वहीं, शहीद पायलट के पिता जगन्नाथ सयाल ने बताया कि उन्हें दुनिया भर से मिले सम्मान ने भावुक कर दिया। उन्होंने कहा कि 80 देशों के पायलटों द्वारा नमांश को दी गई श्रद्धांजलि, रूसी पायलटों का विशेष प्रदर्शन और अमेरिकी पायलटों द्वारा एयर शो का रद्द किया जाना इस बात का प्रमाण है कि भारत की सैन्य सेवाओं के अफ़सरों को वैश्विक स्तर पर कितना सम्मान प्राप्त है।

अनुराग ठाकुर ने परिवार को विश्वास दिलाया कि नमांश की वीरता, कर्तव्यपरायणता और देशभक्ति सदैव स्मरण रहेगी और उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया