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धर्मशाला, 26 नवंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के तपोवन परिसर में चल रहे शीतकालीन सत्र के पहले दिन, सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के विधायकों और मंत्रियों ने सदन के बाहर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन मुख्य रूप से भाजपा के एक विधायक पर लगे यौन शोषण के गंभीर आरोपों को लेकर किया गया, जिसने सदन के माहौल को गरमा दिया।
कांग्रेस के मंत्री और विधायक हाथों में 'भाजपा भगाओ, बेटी बचाओ' और भाजपा विधायकों को नियंत्रित करने से संबंधित तख्तियां लेकर सदन से बाहर आए। उन्होंने विधानसभा परिसर की सीढ़ियों पर बैठकर जोरदार नारेबाजी की और भाजपा पर कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाया। कांग्रेस का कहना था कि एक तरफ भाजपा प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर बहस की मांग कर रही है, वहीं दूसरी तरफ उसके अपने विधायक ही कानून तोड़ने की घटनाओं में शामिल हैं।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने प्रदर्शन के दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि भाजपा कानून-व्यवस्था पर बड़ी-बड़ी बातें कर रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि उनके ही विधायक लगातार नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से चुराह के भाजपा विधायक हंसराज पर एक युवती के शारीरिक शोषण के आरोपों का हवाला दिया और कहा कि यह मामला बिगड़ती व्यवस्था का सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने मांग की कि भाजपा अपने विधायकों को नियंत्रित करे और सदन की गरिमा बनाए रखे।
इस विरोध प्रदर्शन में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी और विधायक कमलेश ठाकुर, मंत्री चंद्र कुमार और योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष भवानी सिंह पठानिया सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता और विधायक शामिल रहे। सत्र के पहले दिन, सदन के अंदर भाजपा पंचायत चुनाव टालने और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में थी, लेकिन कांग्रेस के इस पलटवार ने भाजपा को रक्षात्मक मुद्रा में ला दिया।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया