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एसजीटी यूनिवर्सिटी में सिनर्जी 2025 का 8वां एडिशन
गुरुग्राम, 26 नवंबर (हि.स.)। एसजीटी यूनिवर्सिटी में बुधवार को 194 प्रोजेक्ट, चार थीमैटिक एरिया, 13 यूनिवर्सिटी और बड़ी संख्या में स्कूली छात्रों का एक शानदार संगम देखने को मिला। हेल्थकेयर, फ्यूचर टेक और इनोवेशन, नेचुरल रिसोर्स और सस्टेनेबल डेवलपमेंट, और सोशल डेवलपमेंट थीम के साथ-साथ साइंस, हेल्थ, एग्रीकल्चर और आर्ट्स में प्रभावशाली स्टूडेंट प्रोजेक्ट्स ने काफी ध्यान खींचा। हर पवेलियन में शानदार भीड़ ने इवेंट के स्केल और यूनिकनेस को दिखाया।
अवसर था यूनिवर्सिटी में सिनर्जी 2025 के 8वें एडिशन का। इस मौके पर भारत की सबसे बड़ी फार्मास्युटिकल कंपनियों में से एक अरबिंदो फार्मा लिमिटेड के डायरेक्टर मदन मोहन रेड्डी मुख्य अतिथि के रूप में पहुंंचे। उन्होंने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि सफलता के तीन मुख्य आधार है-डिसिप्लिन, डिटरमिनेशन और बड़े सपने देखना। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रोफेशनल और सोशल दोनों क्षेत्रों में सिर्फ पांच मुख्य वैल्यूज ही सही मायने रखती हैं-इंटीग्रिटी, अकाउंटेबिलिटी, टीम लीडरशिप, ह्यूमैनिटी और इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप। उन्होंने कहा कि ये क्वालिटीज स्टूडेंट्स में कॉलेज के दिनों से ही डेवलप होनी चाहिए। मौजूदा ट्रेंड्स से ज्यादा फ्यूचरिस्टिक और पॉजिटिव सोच की ओर बदलाव की अपील करते हुए, उन्होंने कहा कि जहां सफलता कॉन्फिडेंस बढ़ाती है, वहीं फेलियर बहुत कीमती सबक सिखाती है। बढ़ते कॉम्पिटिशन के साथ, उन्होंने ज़ोर दिया कि स्टूडेंट्स की मेंटल वेल-बीइंग पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरी है। रेड्डी ने अपनी कंपनी की ग्रोथ जर्नी के बारे में भी जानकारी शेयर की। इस अवसर पर एसजीटी यूनिवर्सिटी के मैनेजिंग ट्रस्टी मनमोहन सिंह चावला, चेयरपर्सन मधुप्रीत कौर चावला और गवर्निंग बॉडी मेंबर अमृत चावला मौजूद थे।
विशिष्ट अतिथि लाइफ साइंसेज सेक्टर स्किल डेवलपमेंट काउंसिल के सीईओ गौतम भट्टाचार्य ने एसजीटी को फ्यूचर-ओरिएंटेड इंस्टीट्यूशन बताया। उन्होंने कहा कि जहां कंपनियां स्किल्ड वर्कर्स को ढूंढती हैं, वहीं एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन अक्सर अच्छे एम्प्लॉयर्स को अट्रैक्ट नहीं करने की शिकायत करते हैं, जो ऑर्गेनाइजेशनल एबिलिटी में गैप को दिखाता है। उन्होंने कहा कि नॉलेज और स्किल्स के बीच के गैप को खत्म किया जाना चाहिए। यह उस स्टूडेंट की तरह है जिसने स्विमिंग के बारे में बहुत पढ़ा है लेकिन फिर भी उसे तैरना नहीं आता। इसे एक बड़ी कमी बताते हुए, उन्होंने इस पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने बताया कि काउंसिल पहले ही 52 इनोवेशन प्रोग्राम ऑर्गनाइज कर चुकी है और स्त्रञ्ज यूनिवर्सिटी के साथ इसी तरह के कोलेबोरेशन का प्रपोज़ल दिया है।
विशिष्ट अतिथि सिस्टोइक लैबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर पी.के. दत्ता ने मेडिकल डोमेन में एसजीटी की अचीवमेंट्स की तारीफ़ की। उन्होंने मज़ाकिया अंदाज़ में कहा कि अगर वह एसजीटी के मैनेजिंग ट्रस्टी, मनमोहन सिंह चावला से पहले मिलते तो आज वे बिजऩेस पार्टनर होते। गायनेकोलॉजी में एसजीटी के एक्सीलेंस की तारीफ़ करते हुए उन्होंने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी की इंपॉर्टेंस पर ज़ोर दिया। बताया कि उनकी कंपनी पेड़ लगाने पर हर साल 5 करोड़ खर्च करती है। उन्होंने एक महिला का इंस्पायरिंग एग्जांपल सुनाया जिसने अपने खर्चे पर दस लाख पौधे लगाए, जिनमें से ज़्यादातर राजस्थान में इंडिया-पाकिस्तान बॉर्डर पर लगाए गए। स्वागत भाषण में यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. (डॉ.) हेमंत वर्मा ने स्टूडेंट्स की एनर्जी और टैलेंट की तारीफ़ की। प्रो वाइस चांसलर प्रो. (डॉ.) अतुल नासा ने सबका धन्यवाद किया।
हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर