गुजरात में आधार-जन्म/मृत्यु प्रमाणपत्र में नाम सुधार हुआ आसान
अहमदाबाद, 26 नवंबर (हि.स.)। आधार कार्ड और जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र में नाम अलग होने की वजह से कई लोगों को परेशानी होती थी। अब गुजरात सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने इस समस्या को दूर करने के लिए नए नाम सुधार नियम लागू किए हैं। मुख्य रजिस्
जन्म प्रमाणपत्र


अहमदाबाद, 26 नवंबर (हि.स.)। आधार कार्ड और जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र में नाम अलग होने की वजह से कई लोगों को परेशानी होती थी। अब गुजरात सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने इस समस्या को दूर करने के लिए नए नाम सुधार नियम लागू किए हैं। मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) ने एडवाइजरी जारी कर इसे तुरंत लागू करने के आदेश दिए हैं।

जन्म प्रमाणपत्र में नाम सुधार नियम

अगर कोर्ट के आदेश से बच्चे की कस्टडी मां के पास है, तो बच्चे के नाम के बाद मां का नाम और मां का सरनेम (अटक) लिखा जा सकेगा।

उदाहरण: बच्चा का नाम, मां का नाम, मां का सरनेम

-अगर मां-पिता दोनों बच्चे के साथ रहते हैं, तब भी वे चाहें तो बच्चे के नाम के बाद पिता की जगह मां का नाम और सरनेम लिखवा सकते हैं, लेकिन जन्म रिकॉर्ड में जैविक पिता का नाम हटाया नहीं जा सकेगा।

-'पिता के नाम' वाले कॉलम में पिता का नाम लिखना अनिवार्य रहेगा।

नाम में मिडिल नेम और सरनेम अब वैकल्पिक

अब बच्चे के नाम के बाद मिडिल नेम (पिता का नाम) और लास्ट नेम (सरनेम/अटक) लिखवाना जरूरी नहीं। आवेदक चाहें तो सिर्फ बच्चे का नाम भी रख सकते हैं। नाम का क्रम बदलकर पहले सरनेम, बीच में बच्चे का नाम और अंत में पिता का नाम लिखना भी मान्य होगा।

उदाहरण: सरनेम, बच्चा का नाम, पिता का नाम

पिता और पुत्र के सरनेम अलग रखने के लिए सरकारी गजेट और अन्य प्रमाण दिखाकर सुधार कराया जा सकता है।

मृत्यु प्रमाणपत्र में भी नाम सुधार आसान

मृत्यु प्रमाणपत्र में मृतक के नाम के बाद पिता या पति का नाम और सरनेम लिखवाना वैकल्पिक होगा। परिवार चाहें तो सिर्फ मृतक का नाम भी दर्ज कर सकते हैं। अब एक से अधिक बार नाम सुधार संभव है।

पहले 2007 के नियम के तहत केवल एक बार नाम सुधार की अनुमति थी। अब नए नियम के अनुसार, उचित दस्तावेज और प्रमाण देने पर फिर से नाम में सुधार कराया जा सकेगा।

गुजरात के सभी ज़िला रजिस्ट्रार, महानगरपालिका और नगरपालिका अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि इस एडवाइजरी का तुरंत पालन किया जाए।

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हिन्दुस्थान समाचार / यजुवेंद्र दुबे