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जयपुर, 26 नवंबर (हि.स.)। नगर निगम जयपुर द्वारा प्रदूषण नियंत्रण के लिए विशेष निगरानी टीमों का गठन किया गया है, जो शहर के विभिन्न क्षेत्रों में नियमित गश्त कर रही हैं। खुले में कचरा जलाते पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति या संस्था के विरूद्ध ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 नियमों के अनुसार न्यूनतम 500 रुपये जुर्माना वसूलने की कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम जयपुर आयुक्त डॉ. गौरव सैनी ने बताया कि नगर निगम जयपुर की ओर से आम नागरिकों को अवगत कराया जाता है कि शहर में खुले में पत्तियां, कचरा, प्लास्टिक, टायर या किसी भी प्रकार के ठोस अपशिष्ट पदार्थ जलाना पूर्णत: प्रतिबंधित है। इस प्रकार की गतिविधियां वायु प्रदूषण में तीव्र वृद्धि करती है तथा नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालती है। उन्होंने बताया कि निर्माण या तोडफ़ोड़ कार्यो से उत्पन्न अपशिष्ट को सार्वजनिक स्थानों पर फेंकना प्रतिबंधित है। ऐसे अपशिष्ट को निर्धारित संग्रह केन्द्रों तक पहुंचाना अनिवार्य है। आयुक्त डॉ. गौरव सैनी ने आमजन से अपील की कि गीले एवं सूखे कचरे का पृथक्करण कर इसे निर्धारित डस्टबिन या वाहन में ही डालें। यदि किसी स्थान पर कचरा जलता दिखाई दे, तो तुरंत निगम हेल्पलाइन 181 या वार्ड कार्यालय को सूचित करें। निर्माणधीन भवनों को भी अवगत करवाया जाता है कि निर्माण के दौरान निर्माण एवं विध्वंस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 की पालना में ग्रीन नेट का उपयोग करना सुनिश्चित करें अन्यथा भवन निर्माण अधिनियिम, 2005 के तहत भवन स्वामी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई अमल में ली जाएगी। अत्यधिक प्रदूषित क्षेत्र में नगर निगम जयपुर द्वारा एंटी स्मोग गन एवं मैकनाइज्ड रोड स्वीपिंग पद्वति का उपयोग किया जा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश