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जगदलपुर, 26 नवंबर (हि.स.)। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैया के कारण बाध्य होकर 3 दिवस सरकारी कामकाज ठप्प करने का निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संभाग प्रभारी कैलाश चौहान तथा बस्तर जिला संयोजक गजेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि 19 नवंबर को फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा की अध्यक्षता में कोर कमेटी ने निर्णय लिया कि मोदी की गारंटी के अनुरूप प्रदेश के कर्मचारी अधिकारियों की लंबित तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता तथा लगभग 80 महीने के महंगाई भत्ते की बकाया एरियर्स राशि को कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में समायोजित करने की मांग सहित 11 सूत्रीय मांगों को लेकर बारंबार शासन से पत्राचार व एक दिवसीय हड़ताल करने के बाद भी सरकार के द्वारा कर्मचारियों के साथ उपेक्षा पूर्ण रवैया से बाध्य होकर फेडरेशन तृतीय चरण के आंदोलन के तहत 22 से 24 दिसंबर 2025 तक 3 दिन हड़ताल करते हुए समस्त सरकारी कामकाज ठप्प करेंगे।
फेरेशन की प्रमुख मांग में केंद्र के समान कर्मचारी एवं पेंशनरों को देय तिथि से महंगाई भत्ता, वर्ष 2019 से महंगाई भत्ता की एरियर्स राशि को जीपीएफ खाते में समायोजित किया जाए। सभी कर्मचारियों को चार स्तरीय समय मान वेतनमान दिया जाए। लिपिको, शिक्षकों, स्वास्थ्य विभाग, महिला बाल विकास विभाग सहित विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगति को दूर करने पिंगुआ कमेटी के रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए। प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना करते हुए संपूर्ण सेवा लाभ दिया जाए। सहायक शिक्षकों एवं सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारियों को तृतीय समयमान वेतनमान दिया जाए। नगरीय निकाय के कर्मचारियों को नियमित मासिक वेतन तथा समयबद्ध पदोन्नति दिया जाए। अनुकंपा नियुक्ति नियमों में 10 प्रतिशत सीलिंग को शिथिल किया जाए। प्रदेश में कैशलेस चिकित्सा सुविधा लागू किया जाए। दैनिक, अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की ठोस नीति बनायी जाए।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे