समृद्ध मप्र के लिये पंचायत प्रतिनिधि गांवों को बनायें समृद्ध : उप मुख्यमंत्री देवड़ा
- उप मुख्यमंत्री ने आत्मनिर्भर पंचायत - समृद्ध मध्य प्रदेश पर आयोजित कार्यशाला को किया संबोधित भोपाल, 26 नवम्बर (हि.स.) । मध्‍य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा है कि गांव की समृद्धि ही मध्य प्रदेश की समृद्धि है। मध्य प्रदेश में विका
उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने आत्मनिर्भर पंचायत - समृद्ध मप्र पर आयोजित कार्यशाला को किया संबोधित


- उप मुख्यमंत्री ने आत्मनिर्भर पंचायत - समृद्ध मध्य प्रदेश पर आयोजित कार्यशाला को किया संबोधित

भोपाल, 26 नवम्बर (हि.स.) । मध्‍य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा है कि गांव की समृद्धि ही मध्य प्रदेश की समृद्धि है। मध्य प्रदेश में विकास की गति को तेज बढ़ाने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों को मिलकर अपने गांव को समृद्ध बनाना होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में पंचायत प्रतिनिधियों को सक्षम बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उप मुख्यमंत्री देवड़ा बुधवार को कुशाभाऊ ठाकरे सभाग्रह में आत्मनिर्भर पंचायत - समृद्ध मध्यप्रदेश पर आयोजित राज्यस्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने कहा कि मध्यप्रदेश में अब ऐसे अवसर बन रहे हैं, जिससे गांव आत्म-निर्भर की ओर बढ़ रहे हैं। स्वदेशी अर्थव्यवस्था के अंतर्गत अब गांव में ही रोजगार के अवसर मिलेंगे। स्थानीय संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा। महिलाओं और युवाओं की विकास प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी होगी। उन्होंने कहा कि पंचायत में वित्तीय पारदर्शिता की आवश्यकता है। इससे परस्पर विश्वास बढ़ता है और इसका लाभ विकास को आगे बढ़ाने में होता है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतें विकास की धुरी हैं। इसलिये उन्हें अपनी विकास योजनाएं बनाने की स्वतंत्रता दी गई है।

उप मुख्यमंत्री देवड़ा ने पंचायत प्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे विकास के कार्यों को प्राथमिकता से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध प्रयास करें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकास की ऐसी योजनाएं बनाई गई हैं जो निचले स्तर तक विकास ला सकती है। उन्होंने कहा कि पंचायतों के पास वर्तमान में जितने अधिकार हैं उसका उपयोग कर पंचायतें विकास की गति में तेजी ला सकती हैं। देवड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2047 तक देश को आर्थिक रूप से विश्व का समृद्ध देश बनाने का संकल्प लिया है। मध्यप्रदेश इस संकल्प को साकार करने के लिए हर स्तर पर प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों को वित्तीय प्रबंधन व्यवस्थाओं में और ज्यादा सुधार करने की आवश्यकता है। साथ ही महिला पंचायत प्रतिनिधियों और महिलाओं के स्व-सहायता समूहों को भी आगे आने की आवश्यकता है। कार्यशाला में त्रि-स्तरीय पंचायतों के प्रतिनिधि और पदाधिकारी उपस्थ‍ित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / उम्मेद सिंह रावत