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जोधपुर, 26 नवम्बर (हि.स.)। कृषि विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. डॉ वीएस जैतावत ने कहा कि विकसित भारत की संकल्पना को पूर्णता देने के लिए कृषि क्षेत्र एवं कृषि वैज्ञानिकों का अहम योगदान है। कुलगुरु प्रो जैतावत ने यह बात बुधवार को कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित संविधान दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि हमें ऐसे अनुसंधान, शिक्षा और नवाचार उपलब्ध करवाने हैं जो नए केवल किसानों के जीवन को समृद्ध बनाएं बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा को भी सुदृढ़ करें। उन्होंने कहा कि आज हम संकल्प लेवें की राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी निभाकर भारत को आत्मनिर्भर और समृद्धि की राह पर बढ़ाएंगे। उन्होंने संविधान की गरिमा को अपनाते हुए इसके आदर्शों को अपनाने की भी बात कही।
कार्यक्रम में मौजूद निदेशक शिक्षा, डॉ एस के मूंड ने संविधान निर्माण की चर्चा करते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र से जुड़े होने के नाते हम सबका पुनीत कर्तव्य है कि अन्नदाता के प्रति हमारे कर्तव्य का ईमानदारी से निर्वहन करें। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के समस्त कर्मचारियों की ओर से संविधान की उद्देशिका का वाचन भी किया गया। इस दौरान विश्वविद्यालय के सभी डीन, निदेशक, अधिकारी व कर्मचारीयों सहित विद्यार्थी भी मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश