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-उत्कृष्ट कार्य के लिए दी जाएगी पुरस्कार
-अभियोजन अधिकारियों को स्थानीय बोलियों का दिया जाएगा प्रशिक्षण
देहरादून, 26 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नए आपराधिक कानूनों के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए अभियोजन विभाग को सहायता राशि उपलब्ध कराने और इसके लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री धामी बुधवार को संविधान दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन देहरादून में ऑल इंडिया गोरखा एक्स सर्विसमेन्स वेलपेयर एसोसिएशन के 75वें स्थापना दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री धामी ने भारत के संविधान की उद्देशिका की शपथ दिलाई और अभियोजन विभाग की एक पत्रिका का विमोचन भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डॉ. भीमराव अंबेडकर का भी भावपूर्ण स्मरण करते हुए कहा कि अभियोजन विभाग में उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कार प्रदान करने की व्यवस्था की जाएगी। अभियोजन विभाग के अधिकारियों को राज्य में बोली जाने वाली विभिन्न बोलियों का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था की जाएगी। विभाग को डिजिटलीकरण के कार्य के लिए भी सहायता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियोजन सेवा हमारी न्याय व्यवस्था का वह महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो सत्य को प्रतिष्ठित करने और न्याय की प्रक्रिया को पारदर्शी व प्रभावी बनाने का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि 26 नवंबर 1949 का दिन भारत के इतिहास में सदैव एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज रहेगा। वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में एक राष्ट्रीय पर्व की भांति मनाने का निर्णय लेकर हमारे सभी संविधान निर्माताओं को सच्ची श्रद्धांजलि देने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारी न्याय-व्यवस्था को आधुनिक, सशक्त, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित बनाने के लिए अनेक ऐतिहासिक कदम उठाए जा रहे हैं। वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार “भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023” लागू करने का ऐतिहासिक कार्य किया गया है। लोगों को सुलभ, सरल और समयबद्ध न्याय उपलब्ध कराने के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में न्याय व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। राज्य में न्याय व्यवस्था को आधुनिक स्वरूप देने के लिए नए न्यायालय भवनों का निर्माण और मौजूदा संरचनाओं का सुदृढ़ीकरण भी किया जा रहा है। डिजिटल कोर्ट्स, ई-फाइलिंग और वर्चुअल हियरिंग की प्रणालियों को और अधिक सशक्त किया जा रहा है।
विधि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और युवा अधिवक्ताओं को मेंटरशिप उपलब्ध कराने के साथ ही महिला अधिवक्ताओं के लिए भी सुरक्षित व अनुकूल वातावरण विकसित करने की दिशा में निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। प्रदेश में सख्त नकल-विरोधी कानून लागू करने, यूसीसी जैसे अनेक ऐतिहासिक फैसले लिए गए हैं।
इस अवसर पर विधायक विनोद चमोली, सचिव गृह शैलेश बगोली, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, निदेशक अभियोजन एपी अंशुमान और पुलिस एवं अभियोजन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार