मजदूर विरोधी चार लेबर कोड वापस लेने को लेकर वाम संगठनों का धरना-प्रदर्शन
मंडी, 26 नवंबर (हि.स.)। केंद्र सरकार के मजदूर विरोधी चार लेबर कोड को वापस लेने की मांग को लेकर बुधवार को मंडी में वाम संगठनों सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियंस सीटू, हिमाचल किसान सभा और हिमाचल प्रदेश मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव यूनियन मंडी जिला कमेटी ने धरन
मंडी में रैली निकाल कर धरना प्रदर्शन करते वामसंगठन।


मंडी, 26 नवंबर (हि.स.)। केंद्र सरकार के मजदूर विरोधी चार लेबर कोड को वापस लेने की मांग को लेकर बुधवार को मंडी में वाम संगठनों सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियंस सीटू, हिमाचल किसान सभा और हिमाचल प्रदेश मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव यूनियन मंडी जिला कमेटी ने धरना प्रदर्शन किया। यह धरना -प्रदर्शन संयुक्त आवाह्न पर धरना प्रदर्शन किया गया और उपायुक्त के माध्यम से देश की राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया। जिसमें मांग की गई कि मजदूर विरोधी चार लेबर कोड को तुरंत वापस लिया जाएं और किसानों के साथ किए गए वादों को अक्षर अक्षर लागू किया जाए।

सीटू जिला महासचिव राजेश शर्मा और किसान सभा राज्य कमेटी सदस्य जोगिंदर वालिया ने बताया कि भारत सरकार इन संहिताओं को मज़दूर-हितैषी और आधुनिकीकरण करने वाला बताती है, जबकि असल में ये आज़ादी के बाद से मज़दूरों के मुश्किल से हासिल अधिकारों और हकों का सबसे बड़े पैमाने पर और आक्रामक तरीके से हनन हैं, जिनका मकसद कॉर्पोरेट शोषण, ठेका प्रथा और बिना रोक-टोक के नौकरी पर रखने और निकालने को आसान बनाना है।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा फैलाए जा रहे झूठे दावों में 29 कानूनों को 4 संहिताओं में सरल करने के दावे पर तथाकथित सरलीकरण का इस्तेमाल मौजूदा श्रम कानूनों जैसे औद्योगिक विवाद अधिनियम, कारखाना अधिनियम, और खान अधिनियम ठेका श्रम नियमन और उन्मूलन अधिनियम आदि के सुरक्षात्मक प्रावधानों को कमजोर करने, खत्म करने और खत्म करने के लिए एक कवर के रूप में किया गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा