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पटना, 25 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को संपन्न नई सरकार की पहली बैठक में 10 एजेंडों पर मुहर लगायी गई ।
बिहार बनेगा पूर्वी भारत का नया टेक हब
आज की बैठक में सबसे महत्वपूर्ण निर्णय उद्योग विभाग से संबंधित रहा। राज्य सरकार ने बिहार को पूर्वी भारत का नया टेक हब बनाने के लिए व्यापक कार्ययोजना तैयार करने और उसके अनुश्रवण के लिए एक शीर्ष समिति के गठन को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत डिफेंस कॉरिडोर, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स, मेगा टेक सिटी, फिनटेक सिटी जैसे बड़े प्रोजेक्ट बिहार में स्थापित किए जाएंगे। इसका उद्देश्य राज्य में हाई-टेक उद्योगों को आकर्षित करना और युवाओं के लिए नए अवसर पैदा करना है।
बिहार बनेगा ‘वैश्विक बैक-एंड हब’
उद्योग विभाग के एक अन्य प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली, जिसके तहत बिहार को अगले पांच वर्षों में ‘ग्लोबल बैक-एंड हब’ और ‘ग्लोबल वर्कप्लेस’ के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए भी एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाएगी, जो कार्ययोजना के निर्माण और उसके निरंतर अनुश्रवण का जिम्मा संभालेगी। नई एज इकोनॉमी के तेजी से बदलते परिदृश्य को देखते हुए यह निर्णय बिहार को आईटी, बीपीओ, केपीओ, कंटेंट मैनेजमेंट, डेटा प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में नई पहचान दिलाने में मदद करेगा।
स्टार्टअप और उद्यमिता को मिलेगा नया बढ़ावा
उद्योग विभाग ने तीसरे प्रस्ताव के रूप में यह भी पेश किया कि राज्य के प्रतिभाशाली उद्यमियों और युवाओं को स्टार्टअप एवं अन्य रोजगार आधारित गतिविधियों को बढ़ाने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की जाए।इसके लिए भी एक शीर्ष समिति के गठन को मंजूरी दी गई है। यह समिति—स्टार्टअप को बढ़ावा देने, फंडिंग सुविधा उपलब्ध कराने,नई एज इकोनॉमी के रोजगारोन्मुखी क्षेत्रों को मजबूती देने की दिशा में काम करेगी। यह कदम बिहार के स्टार्टअप इकोसिस्टम को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत स्थिति में ला सकता है।
बिहार में स्थापित होगा ‘बिहार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन’
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रस्तावित बिहार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन को भी मंजूरी मिल गई है। इस मिशन का लक्ष्य बिहार को एआई तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल करना है। इसके तहत एआई आधारित सेवाएं, स्किल डेवलपमेंट, सरकारी विभागों में एआई का उपयोग, स्टार्टअप एवं टेक कंपनियों के साथ साझेदारी जैसी गतिविधियां संचालित की जाएंगी। यह मिशन बिहार के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
11 नए सैटेलाइट और ग्रीनफील्ड टाउनशिप को हरी झंडी
नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रस्ताव के अनुसार बिहार में 11 नए सैटेलाइट टाउनशिप / ग्रीनफील्ड टाउनशिप विकसित किए जाएंगे। कैबिनेट ने इसके लिए सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी है तथा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने का निर्देश दिया है। इन नई टाउनशिपों से तेज़ी से बढ़ते शहरीकरण को व्यवस्थित किया जा सकेगा। इससे आवास, सड़क, पानी, स्वच्छता जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाया जाएगा। राज्य में नए शहरी केंद्र विकसित होंगे
। ग्रेटर पटना के विस्तार और नगरों के आधुनिक विकास की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
नई चीनी मिलों की स्थापना
नए चीनी मिलों की स्थापना और बंद पड़े मिलों का पुनरुद्धार कैबिनेट का दसवां और बेहद महत्वपूर्ण निर्णय है। नई चीनी मिलों की स्थापना और पुरानी बंद पड़ी मिलों के पुनरुद्धार के लिए सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति के गठन को स्वीकृति दी है। यह समिति नीति निर्धारण, कार्ययोजना, निवेश आकलन, निजी क्षेत्र की भागीदारी,पुनरुद्धार मॉडल जैसे विषयों पर व्यापक रिपोर्ट तैयार करेगी। यह निर्णय उत्तर बिहार के किसानों, खासकर गन्ना उत्पादक क्षेत्रों के लिए बड़ी राहत साबित होगा। लंबे समय से चीनी मिलों के बंद रहने से किसानों की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो रही थी। अब नई नीति तैयार होने से रोजगार, उद्योग और कृषि,तीनों क्षेत्रों को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है।
डिफेंस कॉरिडर, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स, मेगा टेक सिटी व फिनटेक सिटी की स्थापना के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन के प्रस्तावों को कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति दी है। सोनपुर एवं सीतामढ़ी (सीतापुरम) में नये सैटेलाईट टाउनशिप /ग्रीनफिल्ड टाउनशिप के विकास का प्रस्ताव सहित एक करोड़ नौकरी देने का वादा आज की बैबिनेट बैठक में दोहराया गया है।
इसमें सात निश्चय-2 के तहत वर्ष 2020-25 के बीच राज्य में 50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार दिया गया है। अगले 5 वर्षों (2025-30) में एक करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
कैबिनेट का फैसला
एआई एवं उसके उपयोग से संबंधित नीति का निर्धारण तथा
संस्थानीकरण संभव हो सकेगा ।
इस प्रक्षेत्र के अग्रणी उद्योगों धंधो संस्थानों की सहभागिता प्राप्त करने के उद्देश्य से राज्य में एआई पारिस्थितिकी का निर्माण किया जायेगा।
राज्य में एआई से संबंधित उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना किया जायेगी।
कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा शासन व्यवस्था, जलवायु परिवर्तनए नगर विकास परिवहन एवं उद्योग, लोक सेवा प्रदायगी आदि क्षेत्रों में एआई से संबंधित नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का विस्तार संभव हो सकेगा।
अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर शोध, पेटेंट तथा उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा।
फेलोशीपए रेजिडेंसी तथा विशेषज्ञ विनियम कार्यक्रम के माध्यम से दीर्घकालिक प्रतिभा को बढ़ावा मिलेगा।
उत्तरदायी एवं ओपन डाटा को बढावा दिया जायेगा ताकि पारदर्शिता तथा नागरिकों का विश्वास सुनिश्चित हो सके।
राज्य के तकनीकी संस्थानों के माध्यम से शिक्षण कार्यक्रम चलाया जायेगा। जिससे कि एआई आधारित प्राद्यौगिकी अनुकूलन को बढावा मिले।
रिस्पांसेबल एआई इकोसिस्टम के विकास से संबंधित नियमों एवं
विनियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी