अनूपपुर: महिला एवं बाल विकास विभाग का मैदानी अमला गंभीरता, पारदर्शिता एवं तत्परता के साथ करें कार्य-कलेक्टर
अनूपपुर, 25 नवंबर (हि.स.)। महिला एवं बाल विकास विभाग का मैदानी अमला अपने कार्यों में और अधिक गंभीरता, पारदर्शिता तथा तत्परता लाए। उन्होंने निर्देशित किया कि शासन द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार सभी कार्य समय-सीमा में पूर्ण किए जाएं। कलेक्टर ने
महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में कलेक्टर


अनूपपुर, 25 नवंबर (हि.स.)। महिला एवं बाल विकास विभाग का मैदानी अमला अपने कार्यों में और अधिक गंभीरता, पारदर्शिता तथा तत्परता लाए। उन्होंने निर्देशित किया कि शासन द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार सभी कार्य समय-सीमा में पूर्ण किए जाएं। कलेक्टर ने अधिकारियों को यह भी बताया कि शासन की प्रत्येक संचालित योजना एवं हितग्राही-आधारित सुविधाओं का शत-प्रतिशत लाभ वास्तविक स्थिति के आधार पर पात्र हितग्राहियों तक पहुँचाना सुनिश्चित किया जाए। सभी पर्यवेक्षक आंगनवाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण एवं मॉनिटरिंग गंभीरता के साथ करें, जिससे केन्द्रों में संचालित गतिविधियों की वास्तविक जानकारी प्राप्त हो सके। यह निर्देश मंगलवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय के नर्मदा सभागार में आयोजित महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में कलेक्टर हर्षल पंचोली ने अधिकारियों को दिए।

उन्होंने ने आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों की उपस्थिति की समीक्षा करते हुए सभी सुपरवाइजरों को निर्देशित किया कि 3 से 6 वर्ष के बच्चों की अधिकतम उपस्थिति कराने हेतु ठोस और प्रभावी प्रयास किए जाएं। धात्री एवं गर्भवती माताओं के पोषण का पोषण ट्रैकर एप के माध्यम से शत-प्रतिशत सत्यापन करने के निर्देश दिए। पात्र लाभार्थियों को शासन द्वारा निर्धारित मापदंडों के आधार पर नियमित रूप से पूरक पोषण आहार का वितरण अनिवार्य रूप से किया जाए, ताकि योजनाओं का वास्तविक लाभ सभी तक समय पर पहुँच सके। प्रतिदिन आंगनबाड़ी केंद्रों के खुलने की स्थिति की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया कि सभी केंद्र समय पर खुलें, इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा जियो-लोकेशन अपडेट करना अनिवार्य किया जाए, जिससे केंद्रों की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सके। कलेक्टर ने पूरक पोषण आहार वितरण प्रणाली को और अधिक सुगम एवं पारदर्शी बनाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी तक राशन पहुंचाने वाली गाड़ियों की समय-सीमा के आधार पर मॉनिटरिंग की जाए और यदि कोई गाड़ी समय पर राशन नहीं पहुंचा रही है या कार्य में लापरवाही बरत रही है तो उसका टेंडर समाप्त किया जाए।

कलेक्टर ने पूरक पोषण आहार वितरण की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि एक्टिव-इनएक्टिव,माइग्रेशन तथा अन्य श्रेणियों की विधिवत सूची तैयार कर उसी के आधार पर पूरक पोषण आहार का वितरण किया जाए। शासन द्वारा संचालित प्रत्येक योजना का लाभ पात्र हितग्राहियों तक पहुँचे, इसके लिए विभागीय अधिकारी समन्वय स्थापित कर प्रभावी प्रयास करें। आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने अवगत कराया कि जिले में कुल 180 सक्षम आंगनवाड़ी केंद्र हैं, जिनमें से 165 केंद्रों में पोषण वाटिका, 149 में आरओ मशीन तथा 122 केंद्रों मंं एलईडी स्थापित की जा चुकी है। शेष केंद्रों में भी ये सुविधाएँ शीघ्र स्थापित की जाएंगी। इस पर कलेक्टर ने निर्देशित किया कि सभी उपकरण सुचारू रूप से संचालित हों, उनका नियमित वेरीफिकेशन किया जाए तथा इन सुविधाओं का उपयोग शिशुओं के मानसिक एवं शारीरिक विकास हेतु प्रभावी रूप से किया जाए।

कलेक्टर ने पोषण पुनर्वास केंद्र की प्रगति, पोषण ट्रैकर एप पर अपार एवं आभा आईडी के अपडेट, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, लाडली लक्ष्मी योजना, लाडली बहना योजना, मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना तथा मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना सहित विभिन्न योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की। इसके साथ ही सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों की स्थिति एवं अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी चर्चा की गई। कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि योजनाओं के क्रियान्वयन में गति लाई जाए तथा पात्र हितग्राहियों को समय-सीमा के भीतर लाभ दिया जाए। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की सहायक संचालक मंजूषा शर्मा सहित महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक उपस्थित रहें।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला