Enter your Email Address to subscribe to our newsletters

नई दिल्ली, 25 नवंबर (हि.स.)। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने संयुक्त बैठक में नई दवाओं के परीक्षण चरण को आगे बढ़ाने, अपशिष्ट जल निगरानी का दायरा विस्तार करने, वन हेल्थ मिशन को मजबूत करने, शोधार्थियों के लिए अवसर बढ़ाने, संयुक्त तकनीकी विकास की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और चिकित्सा आपातकालीन मानवरहित उड़ान सेवा आरंभ करने जैसे कई फैसले लिए।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसार, राजधानी दिल्ली के सीएसआईआर विज्ञान केंद्र में आयोजित इस उच्च स्तरीय बैठक की सह अध्यक्षता सीएसआईआर महानिदेशक और सचिव (वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग) डॉ एन कलैसेलवी और आईसीएमआर महानिदेशक तथा सचिव (स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग) डॉ राजीव बहल ने की। बैठक में दोनों संस्थानो के वरिष्ठ अधिकारी और विभिन्न प्रयोगशालाओ के निदेशक उपस्थित थे।
बैठक में संयुक्त परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिसमें सीएसआईआर द्वारा विकसित अणुओ का परीक्षण चरण को आगे बढ़ाना, आईसीएमआर समर्थित उन्नत अनुसंधान केंद्रो की प्रगति और शहरो, चिकित्सालयों तथा समुदायों में बहु रोगजनक अपशिष्ट जल निगरानी की स्थिति शामिल रही।
बैठक में नई दवाओं के विकास, नियत प्रक्रिया के अनुसार चिकित्सकीय परीक्षण और आईसीएमआर की बड़े पशुओं पर विषाक्तता परीक्षण सुविधा के प्रभावी उपयोग पर भी विचार-विमर्श किया गया।
एसीएसआईआर–आईसीएमआर शोध उपाधि कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान युवा शोधार्थियों के लिए अवसर बढ़ाने और दोनों संस्थानोंं की छात्रवृत्तियों के बेहतर एकीकरण पर जोर दिया गया।
डॉ कलैसेलवी और डॉ बहल ने राष्ट्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप सीएसआईआर की वैज्ञानिक क्षमता और आईसीएमआर के सार्वजनिक स्वास्थ्य दायित्व के एकीकृत प्रयास की जरूरत बताई। उन्होंने संयुक्त तकनीकी विकास, विशेषकर डिजिटल नियंत्रण आधारित चिकित्सा आपातकालीन मानवरहित उडान सेवा के लिए सुव्यवस्थित तंत्र विकसित करने पर बल दिया।
बैठक में जैव चिकित्सा विज्ञान, निदान विज्ञान, डिजिटल स्वास्थ्य और पर्यावरणीय स्वास्थ्य निगरानी जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने और संयुक्त परियोजना विकास को गति देने का भी निर्णय लिया गया।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर