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डॉक्टरों ने कहा था, अब दवा से ज़्यादा फर्क पड़ने की संभावना नहीं है, तब नीलाबेन के लिए राम नाम बना स्वास्थ्य का सहारा
सूरत, 25 नवंबर (हि.स.)। राम जन्मभूमि अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब राममंदिर में धर्म ध्वजारोहण कर रहे थे, तो उसी समय सूरत की एक महिला कलाकार ने रामलला, प्रधानमंत्री मोदी और उनकी माता हीराबा को एक साथ दर्शाता हुआ एक अनोखा और भावपूर्ण पेंटिंग तैयार की। यह पेंटिंग सिर्फ कला नहीं बल्कि नीलाबेन वरिया की गहरी आस्था और उनकी जिंदगी में आए चमत्कारी परिवर्तन की कहानी भी है।
करीब पाँच–छह साल पहले नीलाबेन को गंभीर आंत संबंधी बीमारी हो गई थी। परिवार में सात डॉक्टर होने और हर तरह की दवा लेने के बावजूद उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हुआ। यहां तक कि अहमदाबाद के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने भी कह दिया कि अब दवा से ज़्यादा फर्क पड़ने की संभावना नहीं है।
आखिरकार हताश नीलाबेन को डॉक्टर ने सलाह दी, “जो काम आपको सबसे ज़्यादा पसंद हो, वही कीजिए… शायद उससे फर्क पड़े।” डॉक्टर की बात सुनकर नीलाबेन को बचपन का अधूरा शौक—चित्रकला—याद आया। दर्द के बावजूद उन्होंने मन में भगवान राम का नाम लेकर पेंटिंग शुरू की। रात के शांत समय में वे रामनाम का जप करते हुए कैनवास पर रंग भरतीं और धीरे-धीरे उनकी पीड़ा कला और भक्ति में बदलती गई।
नीलाबेन कहती हैं, “रामनाम में बहुत बड़ा चमत्कार है। मैंने पेंटिंग शुरू की और मेरा ध्यान दर्द से हटकर भक्ति में लग गया। पाँच वर्षों में वह बिना किसी दवा के वह पूरी तरह ठीक हो गईं। यह उनके परिवार के लिए चमत्कार से कम नहीं है।” पिछले छह महीनों से नीलाबेन एक विशेष पेंटिंग पर काम कर रही थीं। इसमें अयोध्या में विराजमान रामलला, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी माता हीराबा को साथ में दर्शाया गया है।
इस कृति के बारे में नीलाबेन कहती हैं, “त्रेतायुग में भगवान राम ने धर्म की स्थापना की थी। आज कलियुग में प्रधानमंत्री मोदी देश में धर्म, संस्कृति और आध्यात्मिकता को आगे बढ़ा रहे हैं। इसी भाव से मैंने यह चित्र बनाया है।” संयोग ऐसा कि जिस वक्त प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या में भव्य राममंदिर पर ध्वज फहरा रहे थे, ठीक उसी समय नीलाबेन की यह पेंटिंग भी पूरी हो गई। नीलाबेन के लिए यह पेंटिंग केवल कला कृति नहीं, बल्कि उनकी आस्था और स्वस्थ होने की यात्रा का प्रतीक है। उनकी इच्छा है कि वह यह चित्र स्वयं प्रधानमंत्री मोदी को भेंट करें।
नीलाबेन का संदेश है, “जहां दवा काम न कर सकी, वहां रामनाम और कला ने चमत्कार कर दिया। ईश्वर पर विश्वास रखिए।”
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हिन्दुस्थान समाचार / यजुवेंद्र दुबे