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- आत्मनिर्भर और विकसित भारत के लिए मांगा आशीर्वाद
वाराणसी, 25 नवंबर (हि.स.)। प्रभु श्री राम के विवाह के पुण्य अवसर सीताराम पंचमी पर मंगलवार को अयोध्या में राम मंदिर के मुख्य शिखर पर भगवा धर्म ध्वजारोहण से बाबा विश्वनाथ की नगरी में हर्ष का माहौल है।
नमामि गंगे ने महर्षि योगी वेद विज्ञान विद्यापीठ के वेदपाठी बटुकों के साथ पवित्र सिद्धेश्वरी परिसर में हवन पूजन कर भगवा धर्म ध्वजारोहण पर खुशी जताई। करोड़ों सनातनधर्मियों की आस्था, संघर्ष, कारसेवकों के बलिदान, न्याय और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की गाथा लिख रहे संपूर्ण राम मंदिर पर धर्म ध्वजा फहराने के अवसर पर संपूर्ण भारतवर्ष के लिए आत्मनिर्भर और विकसित भारत का आशीर्वाद महादेव से मांगा। इसके बाद सिद्धेश्वरी परिसर में उत्साह पूर्वक सभी ने भगवान श्री राम का गुणगान किया।
नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने इस दौरान कहा कि अयोध्या में प्रभु श्री राम का मंदिर सनातनी संस्कृति के पुनर्जागरण की वह कथा है, जिसने लगभग पांच दशकों तक देश की राजनीति, समाज और जनभावनाओं को प्रभावित किया। रामलला के नए मंदिर में विराजमान होने के साथ ही अयोध्या में ऐसा दृश्य बना, जिसे युगों की प्रतीक्षा के बाद पूरा हुआ स्वप्न कहा जा सकता है। वहां प्राण प्रतिष्ठा के भावुक पल ने यह स्पष्ट कर दिया कि यह मंदिर केवल ईंट-पत्थर का ढांचा नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा में रचे-बसे धर्म का पुनर्प्राणन है। मुख्य शिखर पर भगवा ध्वज का आरोहण मंदिर की पूर्णता का संकेत ही नहीं, बल्कि वह घोषणा है कि सनातन धर्म की परंपराएं आज भी उतनी ही जीवित हैं जितनी रामायण के काल में थीं। आयोजन में महर्षि योगी वेद विज्ञान विद्यापीठ के वेदपाठी छात्रों ने पूरे उत्साह से भाग लिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी