पंडित राधेश्याम मिश्र की 135वीं जयंती मनाई गई, पाेती ने साझा किए विचार
बरेली, 25 नवंबर (हि.स.) । उत्तर प्रदेश के महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली के परिसर स्थित पंडित राधेश्याम मिश्र कथावाचक शोधपीठ में मंगलवार को महान कथावाचक पंडित राधेश्याम मिश्र की 135वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। कार्यक्रम
एमजेपीआरयू में पंडित राधेश्याम मिश्र की 135वीं जयंती समारोह के दौरान दीप प्रज्वलित करते कुलपति प्रो. के.पी. सिंह, मुख्य अतिथि डॉ. शारदा भार्गव व अन्य अतिथि।


बरेली, 25 नवंबर (हि.स.) । उत्तर प्रदेश के महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय बरेली के परिसर स्थित पंडित राधेश्याम मिश्र कथावाचक शोधपीठ में मंगलवार को महान कथावाचक पंडित राधेश्याम मिश्र की 135वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. के.पी. सिंह ने की, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में पंडित जी की पोती डॉ. शारदा भार्गव उपस्थित रहीं। विशेष अतिथि विक्रम भार्गव और संजय भार्गव रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुई। डॉ. शारदा भार्गव ने अपने संबोधन में दादाजी से जुड़ी भावुक यादें साझा कीं और बताया कि वे उनकी पांडुलिपियों व अन्य सामग्री को संकलित कर एक स्मृति-कक्ष स्थापित करने की दिशा में कार्य कर रही हैं। वक्ताओं ने पंडित राधेश्याम मिश्र को भारतीय कथावाचन परंपरा का आधार–स्तंभ बताते हुए कहा कि उन्होंने अपनी ओजस्वी शैली से जनमानस में देशभक्ति और सामाजिक चेतना जागृत की।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति ने शोधपीठ की स्थापना को महत्वपूर्ण कदम बताया और शोधार्थियों से पंडित जी के साहित्य और योगदान पर गंभीर शोध का आह्वान किया। कार्यक्रम संयोजिका डॉ. अनीता त्यागी ने कहा कि जयंती मनाना हमारी सांस्कृतिक स्मृति को जीवित रखने का संकल्प है। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, शोधार्थी और छात्र उपस्थित रहे। अंत में अतिथियों को अंगवस्त्र भेंट कर धन्यवाद ज्ञापन के साथ समारोह का समापन हुआ।

हिन्दुस्थान समाचार / देश दीपक गंगवार