Enter your Email Address to subscribe to our newsletters

जम्मू, 25 नवंबर (हि.स.)।
नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी ) और उमर अब्दुल्ला के एस एमवीडी मेडिकल कॉलेज, ककरयाल में एकतरफ़ा और संदिग्ध एडमिशन प्रोसेस को “मेरिट” की बयानबाज़ी के पीछे छिपाने की कोशिश पर कड़ा जवाब देते हुए, पूर्व एम एलसी । उन्होंने कहा, “आप केक खा भी नहीं सकते और उसे रख भी नहीं सकते।
दूसरी कश्मीर-केंद्रित पार्टियों पर लगातार दोहरे मापदंड अपनाने और जम्मू क्षेत्र और गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को केंद्र शासित प्रदेश के समान, सम्मानित और कानून का पालन करने वाले नागरिकों के तौर पर उनकी सही जगह से दूर रखने की एक लंबी योजना का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मौजूदा विवाद, उस सोच की ताज़ा झलक है जिसने ऐतिहासिक रूप से अल्पसंख्यकों को उनके द्वारा बनाए, फंड किए और पले-बढ़े संस्थानों में भी जगह नहीं दी है। एनसी की मेरिट वाली बात उसके अपने इतिहास से ही बेनकाब हो गई
एनसी चुनिंदा गुस्से की आलोचना करते हुए, रैना ने याद दिलाया कि इसी पार्टी ने कश्मीरी पंडितों और कश्मीर में दूसरी माइनॉरिटीज़ के मामले में कभी मेरिट का कॉन्सेप्ट लागू नहीं किया। इस सिस्टमैटिक तरीके से बाहर रखने की वजह से उन्हें अलग-थलग किया गया, भेदभाव हुआ और आखिरकार 1989-90 में जातीय सफाया हुआ।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता