झारखंड में उद्योगों के विकास के लिए नीतियों का नहीं होता ठीक से क्रियान्वयन : चेंबर
रांची, 25 नवंबर (हि.स.)। कैग की ओर से जारी की जानेवाली ऑडिट रिपोर्ट के लिए झारखंड में एमएसएमई में व्यापार करने में आसानी विषय पर परफॉर्मेंस ऑडिट किया जा रहा है। इस ऑडिट का उद्देश्य राज्य सरकार की ओर से एमएसएमई के लिए लागू किए गए सुधार, प्रशासनिक प्
चेंबर के बैठक की तस्‍वीर


रांची, 25 नवंबर (हि.स.)। कैग की ओर से जारी की जानेवाली ऑडिट रिपोर्ट के लिए झारखंड में एमएसएमई में व्यापार करने में आसानी विषय पर परफॉर्मेंस ऑडिट किया जा रहा है। इस ऑडिट का उद्देश्य राज्य सरकार की ओर से एमएसएमई के लिए लागू किए गए सुधार, प्रशासनिक प्रक्रियाओं और रेगुलेटरी प्रणाली की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना है। इसी क्रम में मंगलवार को चेंबर भवन में एमएसएमई सेक्टर से जुड़े उद्योग और बिज़नेस कम्युनिटी के साथ बैठक आयोजित की गई।

बैठक में झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स, जेसिया के अलावा विभिन्न उद्यमियों ने झारखंड में एमएसएमई का संचालन के दौरान आनेवाली रुकावटों और सुधार की संभावनाओं पर चर्चा की गई। बैठक में प्रधान महालेखाकार ऑडिट, झारखंड कार्यालय की प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल इंदु अग्रवाल उपस्थित थीं।

झारखंड में उद्योग खोलने और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया, कंस्ट्रक्शन परमिट, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन और बिजली कनेक्शन, विभिन्न विभागों से अप्रूवल और एनओसी, एमएसएमई के लिए क्रेडिट/लोन की उपलब्धता, टैक्स भुगतान, इंसेंटिव की स्वीकृति और भुगतान सहित अन्य मुद्दों पर चेंबर ने विचार साझा किया।

स्थानीय उद्यमों को मजबूत करने की आवश्यकता : चेंबर अध्‍यक्ष

बैठक में चेंबर अध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि झारखंड में एमएसएमई सेक्टर राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) केवल सुविधा का विषय नहीं, बल्कि निवेश आकर्षित करने और स्थानीय उद्यमों को मजबूत करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि बैठक में उद्योग जगत ने जो व्यवहारिक समस्याएं सामने रखी हैं, वे बेहद महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि उन्हेंं उम्मीद है कि कैग का यह परफॉर्मेंस ऑडिट राज्य में एमएसएमई नीतियों, प्रक्रियाओं और प्रशासनिक तंत्र को और अधिक पारदर्शी, सरल और उद्यमी-अनुकूल बनाने में सहायक होगा। चेंबर प्रयासरत है कि झारखंड में एमएसएमई इकाइयों के विकास के लिए सुधार समयबद्ध रूप से लागू हो और उद्योगों की वास्तविक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए प्रणाली को और अधिक सक्षम बनाया जाय।

बैठक में चेंबर उपाध्यक्ष राम बांगड़, प्रवीण लोहिया, महासचिव रोहित अग्रवाल, सह सचिव रोहित पोद्दार, कार्यकारिणी सदस्य डॉ अभिषेक रामाधीन, आस्था किरण, पूर्व अध्यक्ष दीपक कुमार मारु और जेसिया के सचिव शिवम सिंह ने भी अपने विचार साझा किया।

बैठक में उद्यमियों ने एकमत कहा कि राज्य में नीतियां बहुत बेहतर बनती है, लेकिन उनका क्रियान्वयन नहीं हो पाती हैं। एक एक साल के लिए एक्सटेंशन पर चल रही उद्योग नीतियां पर उद्यमियों ने कहा कि कोई भी निवेशक एक साल की नीति देखकर उद्योग नहीं लगा सकता है। इसलिए नीतियां लंबे समय के लिए बननी चाहिए ताकि निवेशकों में विश्वास बढे।

मौके पर प्रधान महालेखाकार ऑडिट, झारखंड कार्यालय की प्रिंसिपल अकाउंटेंट जनरल इंदु अग्रवाल ने चेंबर के साथ इस वार्ता को आगे भी जारी रखने की बात कही।

बैठक में प्रधान महालेखाकार ऑडिट, झारखंड कार्यालय के सदानंद नस्कर, चम्पक रॉय, रंजीत कुमार, अमित कुमार, सुंदरकान्त झा, स्नेहा, माणिक चंद, विकास गुप्ता, सुधीर सिंह के अलावा चेंबर के सदस्य शशांक भारद्वाज, महेंद्र जैन कृष्णा अग्रवाल उपस्थित थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak